दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आने बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद आज जामा मस्जिद पहुंचे. अपने हाथ में संविधान की एक कॉपी लिए चंद्रशेखर ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया.
बता दें कि नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध करने के दौरान दिल्ली पुलिस ने उन्हें 20 दिसंबर को जामा मस्जिद से ही गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उन्हें 25 दिनों तक जेल में रहना पड़ा.
चंद्रशेखर के जामा मस्जिद जाने पर दिल्ली पुलिस ने कहा, “कल तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली छोड़ने के लिए उनको 24 घंटे का समय दिया गया. वो जामा मस्जिद पर कोई विरोध नहीं कर रहे हैं.”
भीम आर्मी चीफ को दिल्ली कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ रिहा किया है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, चंद्रशेखर को 24 घंटे के अंदर दिल्ली से बाहर जाना होगा. उन्होंने कहा,
शांतिपूर्ण विरोध हमारी ताकत है. सभी धर्मों के लोग जो हमारा समर्थन करते हैं, उन्हें बड़ी संख्या में हमारे साथ मिलकर यह साबित करना चाहिए कि ये विरोध अकेले मुसलमानों के नेतृत्व में नहीं हैं.
जामा मस्जिद आने से पहले चंद्रशेखर ने रविदास मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारे का दौरा किया. जामा मस्जिद पर चंद्रशेखर आजाद ने जामा मस्जिद में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी.
जेल से बाहर आकर चंद्रशेखर ने क्विंट से बात करते हुए कहा, “देश संविधान से चलता है. सरकार अगर पुलिस का सहारा लेगी, तो हमारी रक्षा के लिए संविधान है. ये मुल्क संविधान से चलता है और अगर कोई इसे खत्म करना चाहेगा तो उसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा.”
सिर्फ 24 घंटे तक दिल्ली में रहने की इजाजत
बता दें कि आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि वो चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे. कोर्ट ने आजाद को 25 हजार रुपये का जमानत बॉन्ड पेश करने पर जमानत दी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कही भी जाना चाहते हैं तो वो जा सकते हैं और इसके लिए पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी.
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