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भोपाल गैंगरेप: 5 पुलिस अधिकारी सस्पेंड, सिटी SP लाइन अटैच

31 अक्टूबर को हुई थी घटना

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भोपाल गैंगरेप मामले में लापरवाही बरतने पर मध्यप्रदेश सरकार ने पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की है. 31 अक्टूबर को हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पीड़ित और उसके मां-बाप को कई थानों का चक्कर लगाना पड़ा था. इस दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों का व्यवहार भी उनके साथ अच्छा नहीं था.

सरकार ने मामले में तीन थाना प्रभारी और दो सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है. वहीं एक सिटी एसपी को लाइन अटैच किया गया है.

मामले में पुलिस की लापरवाही की भूमिका की जांच का जिम्मा डीआईजी सुधीर लाड़ को दिया गया था. उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. पत्रकारों से बातचीत में आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) मकरंद देउस्कर ने बताया,

रेप के मामले को जघन्य श्रेणी में रखकर एक एसआईटी बनाई गई है. इसमें जीआरपी, भोपाल पुलिस और महिला थाना प्रभारी शामिल होंगे. मामले में लापरवाही बरतने पर एमपी नगर थाना प्रभारी संजय सिंह बैस, हबीबगंज थाना प्रभारी रविंद्र यादव, जीआरपी हबीबगंज थाना प्रभारी मोहित सक्सेना, सब इंस्पेक्टर टेकराम और उइके को सस्पेंड कर दिया गया है.

वहीं एमपी नगर क्षेत्र के सिटी SP कुलवंत सिंह को लाइन अटैच किया गया है.

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क्या है मामला

पीड़ित भोपाल के पास के एक शहर से UPSC की कोचिंग के लिए अप-डाउन करती है. आम तौर पर वो बस का इस्तेमाल करती है. लेकिन 2 नवंबर को ट्रेन पकड़ने के लिए पीड़ित एमपी नगर से रेलवे ट्रेक के आसपास के कच्चे रास्ते से स्टेशन जा रही थी. इसी दौरान आरोपियों ने पीड़ित के साथ सामूहिक बलात्कार किया.

तीन घंटे के बाद पीड़ित किसी तरह जीआरपी स्टेशन पहुंची और घरवालों को घटना की जानकारी दी. इस दौरान हबीबगंज रेलवे पुलिस, हबीबगंज थाना और एमपी नगर थाने की पुलिस ने रिपोर्ट लिखने में ढ़ील बरती थी.

पढ़ें पूरी खबर: भोपाल: UPSC की तैयारी कर रही 19 साल की लड़की से गैंगरेप

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