मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए 19 अगस्त को MoU साइन कर लिए हैं. ये एमओयू केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MPMRCL) के बीच नई दिल्ली में साइन किए गए.
इस दौरान केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्य के शहरी विकास और आवास मंत्री जयवर्धन सिंह भी उपस्थिति रहे.
भोपाल मेट्रो रेल परियोजना में 27.87 किमी में दो गलियारे बनाए जाएंगे. एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किमी और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहा तक 12.88 किमी होगा. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 6,941.40 करोड़ रुपये आने का अनुमान है.
इंदौर मेट्रो रेल परियोजना में 31.55 किमी की रिंग लाइन बनाई जाएगी. ये बंगाली चौराहे से विजयनगर, भंवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक चलेगी. प्रोजेक्ट की कुल लागत 7,500.80 करोड़ रुपये अनुमानित है.
प्रोजेक्ट की खास बातें
- भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के बीच 50:50 के अनुपात में ज्वॉइंट वेंचर होगा. इसका संचालन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MPMRCL) करेगा, जो मध्य प्रदेश सरकार के अधीन आता है.
- MPMRCL, जो कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत स्थापित एक कंपनी है, परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में काम करेगी.
- MPMRCL दोनों मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का निर्माण, विकास, संचालन और रखरखाव करेगा.
- परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापन और पुनर्वास का पूरा खर्च मध्य प्रदेश सरकार उठाएगी.
- भारत सरकार की इस प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी होगी. लिहाजा वह कर्ज मुहैया कराएगी. इससे द्विस्तरीय और बहुस्तरीय फंड भी उपलब्ध हो सकेगा.
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