बिहार के मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पर अब चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने मुंगेर के एसपी और डीएम को तुरंत हटाने के आदेश दिया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, इस मामले में जांच के भी आदेश दिए गए हैं.
26 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान मुंगेर में हिंसक झड़प हो गई और गोली चली. गोली 18 साल के अनुराग पोद्दार के सिर में लगी, जिससे उसकी मौत हो गई. इस हिंसक झड़प में करीब 25 लोग घायल भी हो गए हैं.
मामले की जांच के आदेश मगध के डिविजनल कमिश्नर असंगा चौबा द्वारा दिया गया है. इस जांच को सात दिनों के भीतर पूरा करने के लिए कहा गया है.
नए डीएम और एसपी को आज ही मुंगेर में पोस्ट किया जाएगा.
SP के विरोध में लोगों ने फूंकी गाड़ियां
एसपी और एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे कुछ अज्ञात लोगों ने मुंगेर में उनके ऑफिस के बाहर गाड़ियों को आग लगा के हवाले कर दिया. एसपी और एसडीओ के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई.
लोगों के निशाने पर SP लिपि सिंह
हिंसा की घटना के बाद से ही मुंगेर की एसपी लिपि सिंह लोगों के निशाने पर हैं. पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते सोशल मीडिया पर लोगों ने लिपि सिंह को मुंगेर हिंसा के लिए कसूरवार ठहराया. पुलिस का कहना है कि विसर्जन के दौरान ‘कुछ असामाजिक तत्वों’ ने पुलिस को निशाना बनाया और पत्थरबाजी की.
मुंगेर की एसपी लिपि सिंह ने घटना के बाद कहा था, “दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की, जिसकी वजह से 20 पुलिसवाले घायल हो गए. इसके बाद भीड़ में से किसी ने गोली चलाई, जिससे एक मौत हो गई. स्थिति अब नियंत्रण में है.”
लेकिन लोगों ने पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया है. लिपि सिंह पर बिहार की सत्ताधारी पार्टी JDU से करीबी होने के भी आरोप लग रहे हैं.
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