बिहार (Bihar) के मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान एक शख्स की मौत के विरोध में पूरे शहर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लोग पुलिस खासतौर से एसपी और एसडीओ का विरोध कर रहे हैं. एसपी ऑफिस की गाड़ी पर भी अज्ञात लोगों ने हमला किया. पूरबसराय थाना के बाहर प्रदर्शनकारियों ने 2 गाड़ियों और 1 बाइक को आग के हवाले कर दिया. हालांकि अब DIG मनु महाराज पुलिस दल के साथ सड़कों पर निकलकर स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं.
मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस द्वारा चलाई गई गोली में युवक की जान गई.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आक्रोशित भीड़ गुरुवार को सड़कों पर उतर गई और वासुदेवपुर आउटपोस्ट (OP) तथा पूरबसराय ओपी पर पथराव किया और आग लगा दी. वासुदेवपुर ओपी में तैनात एक अधिकारी ने बताया कि 150 से 200 लोगों ने अचानक थाने पर पथराव कर हमला कर दिया और आग लगा दी. उन्होंने बताया किसी तरह हम लोगोें ने जान बचाई.
मुंगेर के भगत सिंह चौक समेत कई इलाकों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ विरोध कर रही है. आक्रोशित लोगों ने थाने में लगे वाहनों को भी फूंक दिया. इसके अलावा, एसपी और एसडीओ दफ्तर में भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की और गाड़ी पर भी हमला किया.
बताया जा रहा है कि पूरा शहर बंद हो गया है. दुकानदारों ने दुकानों के शटर भी नीचे गिरा दिए हैं.
इसके बाद क्षेत्र का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. शहर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है.
क्षेत्र के DIG मनु महाराज का कहना है कि हम लोगों से निवेदन कर रहे हैं कि-
अपनी दुकानें खोलें और स्थिति को सामान्य बनाएं. जिन्होंने ये किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमें कई जगहों से वीडियो भी मिले हैं.मनु महाराज , DIG
चुनाव आयोग ने SP और DM को हटाया
बता दें कि मुंगेर हिंसा पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए एसपी और डीएम को तुरंत हटाने के आदेश दिया है. मामले की जांच के आदेश मगध के डिविजनल कमिश्नर असंगा चौबा द्वारा दिया गया है. इस जांच को सात दिनों के भीतर पूरा करने के लिए कहा गया है.
26 अक्टूबर को दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान लोगों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में एक युवक अनुराग कुमार की मौत हो गई तथा कई लोग घायल हो गए.
हिंसा की घटना के बाद से ही मुंगेर की एसपी लिपि सिंह लोगों के निशाने पर हैं. पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते सोशल मीडिया पर लोगों ने लिपि सिंह को मुंगेर हिंसा के लिए कसूरवार ठहराया है.
विपक्ष भी हमलावर
चुनाव के कारण कई राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर निशाना साधा. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई के साथ ही हाईकोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से पूरे घटना की जांच की मांग की थी. उन्होंने तो इस घटना की तुलना जालियांवाला बाग से कर दी. एलजेपी के चिराग पासवान ने भी इस मामले को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)