ADVERTISEMENTREMOVE AD

महबूबा ने 35A पर सभी दलों से साथ आने को कहा, BJP ने बताया नाटक

पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वो आर्टिकल 35A की हिफाजत के लिए जान और माल की कुर्बानी के लिए तैयार है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 35A की रक्षा के लिए सभी राजनीतिक विरोधी दलों से साथ आने का आग्रह किया है. मुफ्ती ने कहा कि वो आर्टिकल 35A की हिफाजत के लिए जान की कुर्बानी देने के लिए भी तैयार हैं. बता दें, आर्टिकल 35A जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता है. बीजेपी की सरकार इसे राज्य से हटाना चाहती है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा, "खबर है कि आर्टिकल 35A पर हमला हो सकता है. अब हम सबको एक साथ आ जाना चाहिए. न सिर्फ बड़े नेता बल्कि सभी कार्यकर्ताओं को भी साथ आने की जरूरत है. चाहें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस या पीडीपी..."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसके जवाब में बीजेपी महासिचव राम माधव ने कहा, जम्मू-कश्मीर में स्थानीय नेता अपने स्वार्थ के लिए लोगों में डर का माहौल बना रहे हैं. अब जब भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, तो वो खुद को बचाने के लिए नाटक कर रहे हैं.

राम माधव ने कहा, “खुद को राजनीति में बनाए रखने के लिए वह ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं. अपने फिसलते राजनीतिक जनाधार को बचाने के लिए लोगों में डर पैदा किया जा रहा है. कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों को हटाने और वापस भेजने की प्रक्रिया जारी रहती है. अमरनाथ यात्रा के दौरान यहां अतिरिक्त बल तैनात किया जाता है. हमें यहां ब्लॉक-स्तरीय चुनाव भी कराने होंगे.

महबूबा मुफ्ती की अपनी ही पार्टी के लोग उनकी बैठकों में नहीं आते, यहां तक कि फाउंडेशन डे पर भी नहीं... इसलिए उन्होंने लोगों में डर पैदा करने के लिए ‘मैं बारूद उठाऊंगी, हाथ जल जाएगा...’ जैसी भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है...”
राम माधव, महासचिव, बीजेपी

‘इलेक्शन की लड़ाई अलग रखकर एक साथ मिलकर काम करें'

जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सैनिक बल तैनात किए जाने के बाद से आर्टिकल 35A हटाए जाने की अफवाहों का बाजार लगातार गर्म है. वहां की लोकल पार्टियां केंद्र पर इसका आरोप लगा रही हैं और लगातार विरोध कर रही हैं. यहां तक कि एक दूसरे की धुर विरोधी पार्टियां साथ आने को तैयार हो गई हैं.

महबूबा मुफ्ती ने कहा, “हमारे लोगों को सबके घर जाना चाहिए और सबको बताया चाहिए कि इस वक्त हम इलेक्शन की लड़ाई को अलग रखकर एक साथ मिलकर काम करें. जम्मू-कश्मीर का आर्टिकल 35A की हिफाजत करनी है. इसके लिए हम जान और माल की कुर्बानी के लिए भी तैयार हो जाएंगे.

इससे पहले महबूबा ने ये भी कहा था कि आर्टिकल 35A की हिफाजत के लिए वह जेल जाने के लिए भी तैयार हैं.

क्या है आर्टिकल 35A?

आर्टिकल 35A एक संवैधानिक प्रावधान है, जो जम्मू-कश्मीर विधानसभा को 'स्थायी नागरिक' की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है. जम्मू-कश्मीर में स्थायी नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार मिलते हैं. मसलन राज्य में संपत्ति की खरीद और उनके मालिकाना हक का अधिकार, राज्य की नौकरियों, स्कॉलरशिप और योजनाओं का फायदा.

आर्टिकल 35A हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में इस राज्य से बाहर के लोग भी जमीन या अचल संपत्ति खरीद सकेंगे. इसके अलावा उन्हें राज्य के चुनावों में वोट डालने के अधिकार भी मिल सकते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×