बजट में इनकम टैक्स, खेती और कंज्यूमर से जुड़े पहलुओं पर बड़े ऐलान किए गए हैं. लेकिन इसके अलावा सरकार ने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का बजट भी बढ़ा दिया है. इस ग्रुप के पास प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा है.
एसपीजी का बजट 540 करोड़ से बढ़ाकर लगभग 600 करोड़ कर दिया गया है. पिछले साल के बजट में इसे 420 करोड़ से बढ़ाकर 540 करोड़ किया गया था.
फिलहाल SPG सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही सुरक्षा करती है. इस ग्रुप में 3000 सुरक्षाकर्मी हैं.
इससे पहले नवंबर में सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की सुरक्षा की समीक्षा हुई थी, जिसके बाद उनकी SPG सुरक्षा वापस ले ली गई थी.
क्या इसलिए छिनी गांधी परिवार से SPG?
गांधी परिवार से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद बीजेपी के सूत्रों ने कहा था कि परिवार सुरक्षा का लगातार उल्लंघन करते रहा है. सूत्रों का कहना था कि शायद इसी के चलते सरकार ने यह कदम उठाया होगा. सरकारी सूत्र ने बताया कि राहुल गांधी ने 2005 से 2014 तक देश के अलग-अलग हिस्सों में नॉन-बुलेट रजिस्टेंट व्हीकल (नॉन-बीआर वाहन) में 18 बार यात्रा की. ये एक गंभीर उल्लंघन है.
मनमोहन सिंह की भी हटी थी SPG सुरक्षा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगस्त 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा को कम करके जेड प्लस श्रेणी का कर दिया था. उन्हें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सिक्यॉरिटी मिली हुई थी. इस मामले पर गृह मंत्रालय ने कहा था कि सिक्यॉरिटी कवर की समीक्षा खतरे की आशंका के आधार पर समय-समय पर होने वाली प्रोफेशनल प्रक्रिया है, जो सुरक्षा एजेंसियों के आकलन पर आधारित होती है.
SPG सुरक्षा क्या है?
SPG देश की सबसे ऊंचे स्तर की सुरक्षा है और इसमें बेहद पेशेवर और आधुनिकतम उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी होते हैं. इसके तहत प्रधानमंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा दी जाती है. ये फोर्स गृह मंत्रालय के अधीन होती है. 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से तय किया गया कि प्रधानमंत्री के दर्जे के लोगों को विशेष तरह की सुरक्षा दी जानी चाहिए. इसी के बाद SPG अस्तित्व में आया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)