बीते साल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने बताया कि इस हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का सरकारी मोबाइल फोन मुख्य आरोपी प्रशांत नट के घर से बरामद किया गया है.
पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र में हिंसक भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. इसी हिंसक भीड़ को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार काबू करने की कोशिश कर रहे थे, उसी दौरान गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी.
क्यों हुई थी हिंसा ?
गोकशी के संदेह के बाद भीड़ ने हिंसक रूप धारण कर लिया था. इसके बाद उग्र भीड़ की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी. इस हिंसक झड़प में भीड़ ने एक पुलिस कोतवाली सहित कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया:
“ मुख्य आरोपी प्रशांत नट के घर से शनिवार को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का फोन सीयूजी (क्लोजड यूजर ग्रुप) नम्बर के साथ बरामद किया गया है. इसके अलावा पांच और फोन भी बरामद किये गये है. नट ने हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर को कथित रूप से गोली मारी थी. नट को सिकंदराबाद से 18 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था और इस समय वह जेल में है.”
जारी है जांच
सीनियर पुलिस अधिकारी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमें सूत्रों से सूचना मिली थी कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का फोन नट के घर में हो सकता है और इसके लिए अदालत से हमने तलाशी वारंट लिया. तलाशी के दौरान इंस्पेक्टर का सीयूजी मोबाइल फोन नट के घर से बरामद हुआ. कुछ और फोन भी मिले है और सभी फोन को फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है.''
अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि “इंस्पेक्टर पर गोली चलाने के लिए इस्तेमाल की गई पिस्तौल का अभी पता नहीं लग पाया है और उसकी तलाश जारी है.”
बुलंदशहर हिंसा के आरोप में कम से कम 80 लोगों के खिलाफ स्याना पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. स्याना के पुलिस अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा ने बताया, ‘‘अब तक इस सिलसिले में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.''
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