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गंभीर बाल यौन शोषण मामलों में होगी फांसी, कड़ा होगा POCSO कानून

पॉक्सो कानून कड़ा करने के लिए संशोधनों को कैबिनेट की मंजूरी 

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देश में बाल यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 10 जुलाई को बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून को कड़ा करने के लिए इसमें संशोधनों को मंजूरी दे दी है. प्रस्तावित संशोधनों में बच्चों का गंभीर यौन उत्पीड़न करने वालों को मौत की सजा और नाबालिगों के खिलाफ दूसरे अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, संबंधित अधिकारियों ने बताया है कि पॉक्सो कानून में प्रस्तावित संशोधनों में बाल पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने के लिए सजा और जुर्माने का भी प्रावधान शामिल है. केंद्र सरकार ने कहा है कि कानून में बदलाव से देश में बढ़ते बाल यौन शोषण के मामलों के खिलाफ कड़े उपायों की जरूरत पूरी होगी, साथ ही नए तरह के अपराधों से भी निपटने में मदद मिलेगी.

अपने एक बयान में केंद्र सरकार ने बताया है कि बाल यौन शोषण के पहलुओं पर उचित ढंग से निपटने के लिए पॉक्सो कानून, 2012 की धाराओं 2, 4, 5, 6, 9, 14, 15, 34, 42 और 45 में संशोधन किए जा रहे हैं.

पॉक्सो कानून की धारा 4, 5 और 6 में संशोधन का प्रस्ताव बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में सजा को कड़ा करने के लिए (मौत की सजा भी शामिल करके) लाया गया है.

सरकार ने कहा है कि कानून में शामिल किए गए मजबूत दंडात्मक प्रावधान निवारक का काम करेंगे. सरकार ने बताया, ''इसकी (कानून में संशोधन की) मंशा परेशानी में फंसे असुरक्षित बच्चों के हितों का संरक्षण करना, उनकी सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना है. संशोधन का मकसद बाल उत्पीड़न के पहलुओं और इसकी सजा के संबंध में स्पष्टता वाले प्रावधान लेकर आने का है.''

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