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पीके सिन्हा को मोदी सरकार ने दिया एक्सटेंशन,टूटा 70 साल का रिकॉर्ड

सिन्हा बने सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कैबिनेट सेक्रेटरी

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कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा को शुक्रवार को एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, तीन महीने का विस्तार दिया गया. इससे वह पिछले सत्तर सालों में इस पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले ब्यूरोक्रेट बन गए.

सिन्हा को दिया गया यह तीसरा विस्तार है. इससे पहले उन्हें 12 जून, 2019 तक दो विस्तार दिए गए हैं. सिन्हा को 2014 में दो साल के लिए नियुक्त किया गया था. उन्हें पहला विस्तार 2017 में दिया गया और 2018 में दूसरा विस्तार मिला.

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पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने दी सेवा विस्तार को मंजूरी

कार्मिक मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 12 जून, 2019 से तीन महीने की अवधि के लिए सिन्हा की सेवा में विस्तार को मंजूरी दे दी है.

सिन्हा को कैबिनेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था, जो देश की नौकरशाही में शीर्ष पद पर थे. सिन्हा को मई, 2015 में दो साल के लिए कैबिनेट सेक्रेटरी बनाया गया था.

सिन्हा बने सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कैबिनेट सेक्रेटरी

नवीनतम विस्तार के साथ, सिन्हा देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कैबिनेट सेक्रेटरी बन गए हैं.

उनसे पहले, वाई एन सुथांकर 14 मई, 1953 से 31 जुलाई, 1957 तक कैबिनेट सेक्रेटरी थे. वह बाद में ओडिशा के राज्यपाल बने.

एन आर पिल्लई पहले कैबिनेट सेक्रेटरी थे. वह 6 फरवरी, 1950 से 13 मई, 1953 तक सेवा में रहे.

उनके अलावा, अजीत कुमार सेठ और के एम चंद्रशेखर ने चार-चार साल तक पद संभाला. सेठ 14 जून, 2011 से 13 जून, 2015 तक कैबिनेट सचिव थे, जबकि चंद्रशेखर 14 जून, 2007 से 13 जून, 2011 तक पद पर थे.

कौन हैं पीके सिन्हा?

पीके सिन्हा उत्तर प्रदेश काडर के 1977 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इससे पहले वह पावर सेक्रेटरी के पद पर रह चुके हैं. इसके अलावा भी वह केंद्र सरकार और अपने स्टेट काडर में कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.

क्या होता है कैबिनेट सेक्रेटरी का काम?

कैबिनेट सचिवालय सीधे प्रधानमंत्री के अधीन होता है. सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख कैबिनेट सेक्रेटरी होता है जो सिविल सर्विस बोर्ड का पदेन अध्यक्ष भी होता है.

कैबिनेट सचिवालय इंटर-मिनिस्ट्रियल कॉर्डिनेशन सुनिश्चित करने, मिनिस्ट्री या डिपार्टमेंट्स के बीच मतभेदों को दूर करने और सचिवों की स्थायी समितियों के माध्यम से सर्वसम्मति विकसित करके सरकार को फैसले लेने में मदद करता है.

देश में बड़े संकट की स्थितियों में मैनेजमेंट और ऐसी स्थिति में अलग-अलग मिनिस्ट्रीज की एक्टिविटीज का कॉर्डिनेशन भी कैबिनेट सचिवालय के कामों में से एक है.

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