ADVERTISEMENTREMOVE AD

घूसकांड पर हड़कंप मचाने वाली कारवां की रिपोर्ट, 10 बड़ी बातें

कारवां मैगजीन की रिपोर्ट में येदियुरप्पा की उस डायरी का जिक्र है, जिसके मुताबिक बीजेपी नेताओं को 1800 करोड़ दिए गए

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कांग्रेस ने कारवां मैगजीन की एक सनसनीखेज रिपोर्ट का हवाला देकर पीएम मोदी समेत बीजेपी कई बड़े नेताओं के खिलाफ जांच की मांग है. रिपोर्ट में बीएस येदियुरप्पा की उस कथित डायरी का जिक्र है, जिसमें अरुण जेटली, नितिन गडकरी जैसे बड़े बीजेपी नेताओं, वकीलों और जजों को कथित 1800 करोड़ रुपए घूस देना का पूरा ब्यौरा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मैगजीन के मुताबिक येदियुरप्पा के दस्तख्त वाली यह डायरी को सीबीडीटी रेड में मिली थी. हालांकि सीबीडीटी ने कहा है रेड में कुछ कागज मिले थे लेकिन वे जेरॉक्स कॉपी थे, जिनमें कुछ नामों के आगे रकम लिखी थी. आइए जानते हैं कि कैरेवन की रिपोर्ट में क्या है?

  1. कारवां मैगजीन ने दो दस्तावेज हासिल किए हैं उनके मुताबिक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास बीएस येदियुरप्पा के हाथ से लिखी डायरी एंट्रीज है, जिसमें बीजेपी के नेशनल लीडर्स, इसके सेंट्रल कमेटी, जजों और वकीलों को 1800 करोड़ रुपये देने का जिक्र है. येदियुरप्पा ने 2009 की कर्नाटक असेंबली विधायक डायरी में कन्नड़ में यह एंट्री की है किसे कितने पैसे दिए गए. ये पैसे येदियुरप्पा के कर्नाटक के सीएम रहते दिए गए थे. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास येदियुरप्पा की यह डायरी 2017 से ही है.
  2. डायरी में लिखा है कि येदियुरप्पा ने बीजेपी की सेंट्रल कमेटी को 1000 करोड़ रुपये दिए हैं. इसी डायरी में बीजेपी नेताओं को दिए गए पैसे का ब्योरा लिखा है. अरुण जेटली- 150 करोड़ रुपये, नीतिन गडकरी - 150 करोड़ रुपये, राजनाथ सिंह - 100 करोड़ रुपये, एल के आडवाणी - 50 करोड़ रुपये, मुरली मनोहर जोशी - 50 करोड़ रुपये, गडकरी के बेटे की शादी के लिए - 10 करोड़ रुपये, जजों के लिए - 250 करोड़ रुपये, वकीलों को - 50 करोड़ रुपये
  3. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और बीजेपी सरकार ने अगस्त 2017 से इस डायरी की एंट्रीज पर कोई एक्शन नहीं लिया. एक सीनियर इनकम टैक्स अधिकारी इस कॉपी की इंट्री को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास गए और पूछा कि क्या इस पर ईडी से जांच करवाई जा सकती है. लेकिन जेटली ने कोई एक्शन नहीं लिया. जेटली 2004 से 2013 के बीच कर्नाटक बीजेपी के इंचार्ज थे. इस दौरान चुनाव में उन्होंने राज्य इकाई का कामकाज देखा था.
  4. बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ ही डायरी में कर्नाटक के उन विधायकों को भी पैसे देने का जिक्र है, जिन्होंने 2008 में येदियुरप्पा को सीएम बनाने में मदद की थी. जिन पांच और छह निर्दलीय विधायकों को येदियुरप्पा को सीएम बनाने में मदद की उन्हें मंत्री पद दिए गए.
  5. दावा किया गया है कि कथित तौर से सारी एंट्री येदियुरप्पा के हाथ से लिखी गई हैं. जिसके मुताबिक जी जर्नादन रेड्डी ने नेताओं को ये पैसे दिए. रेड्डी कर्नाटक के सबसे धनी राजनीतिक नेताओं में से एक है. सीबीआई ने 2011 में अवैध खनन के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था और वे तीन साल जेल में रहे थे.
  6. कारवां ने जो डायरी हासिल की है उसमें 26 लोगों के नाम है. इन लोगों के नाम के आगे “Money received/ paid to me,” लिख कर 5 से 500 करोड़ रुपये का अमांउट लिखा है. एक और एंट्री में लिखा है कि डोनर्स ने येदियुरप्पा को 2690 करोड़ रुपये दिए.
  7. कारवां का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डायरी के पन्ने कांग्रेस के सीनियर लीडर डी के शिवकुमार के घर से हासिल किए. यह उनके घर में पड़े आईटी रेड के दौरान बरामद किए गए. शिवकुमार को कारवां ने ये पन्ने दिखाए. उन्होंने कहा कि ये उनके घर से बरामद किए गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. इस छापे के बारे में जानकारी रखने वाले कर्नाटक के एक नेता ने कहा कि एंट्रीज में येदियुरप्पा की ही लिखावट है.इसमें कोई शक नहीं.
  8. जेटली को सीनियर इनकम टैक्स अफसर डायरी पेज के साथ दो डॉक्यूमैंट अटैच किए थे ताकि यह पता किया जा सके कि ये येदियुरप्पा का ही दस्तख्त है. पहला दस्तावेज येदियुरप्पा की ओर से जनवरी 2017 में तत्कालीन सीबीडीटी चेयरमैन सतीश चंद्रा को लिखी चिट्ठी से जुड़ा था. जिसमें शिवकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार और अनिमयमितता के मामले में जांच की मांग की गई थी. दूसरा दस्तावेज येदियुरप्पा के इलेक्शन एफिडेविट से जुड़ा था, जिसमें उनके दस्तख्त थे.
  9. सतीश चंद्रा जब सीबीडीटी के चेयरमैन थे तब शिवकुमार के खिलाफ रेड पड़ी थी. वहीं येदियुरप्पा की यह डायरी मिली थी. यही चंद्रा अब देश के चुनाव आयुक्त हैं.
  10. जेटली को भेजे गए नोट में अधिकारी ने कहा था कि बीजेपी के नेता शिवकुमार को ब्लैकमेल करते रहे थे ताकि वह जेडी(एस) और कांग्रेस गठबंधन से अलग हो जाएं और बीजेपी में शामिल हो जाएं .

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×