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2जी केस: राजा-कनिमोई के खिलाफ अब CBI पहुंची हाईकोर्ट

2जी स्पेक्ट्रम मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

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भारत
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लगता है कि ए राजा और कनिमोई की मुश्किलें जल्द थमने वाली नहीं हैं. प्रवर्तन निदेशालय के बाद अब सीबीआई ने भी 2जी स्पेक्ट्रम 'घोटाला' मामले में विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

विशेष अदालत ने इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोई और कई अन्य लोगों को बरी कर दिया था.

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सीबीआई के वकील के साथ एडिशनल सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता इस मामले को लेकर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच के सामने पेश हुए और अपील करते हुए कहा कि 2जी केस में जल्द सुनवाई की जाए. अदालत ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई करने की रजामंदी दी है.

ईडी ने भी हाईकोर्ट में दी चुनौती

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2जी घोटाले से जुड़े एक मामले में विशेष अदालत के फैसले को सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी. विशेष अदालत ने सीबीआई और ईडी की ओर से 2जी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोई को पिछले साल 21 दिसंबर को बरी कर दिया.

इसके साथ ही विशेष अदालत ने ईडी के मामले में 17 अन्य लोगों को भी बरी किया था, जिनमें डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल, एसटीपीएल के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स के आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, फिल्म निर्माता करीम मोरानी और कलेंगनर टीवी के निदेशक पी अमृतन और शरद कुमार शामिल है.

ईडी ने आरोपपत्र में कहा था कि एसटीपीएल ने डीएमके के चैनल कलेंगनर टीवी के मालिकों को 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि दी थी. विशेष अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के 2जी मामले में भी राजा और कनिमोई समेत अन्य लोगों को बरी कर दिया था. सीबीआई का आरोप था कि2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितताओं के चलते सरकारी खजाने को 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की थी नाराजगी

सीबीआई और ईडी ने विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ ऐसे समय में अपील की है, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सीबीआई को छह महीनों के अंदर 2जी से जुड़े सभी मामलों की जांच को पूरा किए जाने का निर्देश दिया है.

पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों एजेंसियों को 2जी के सभी मामले में जांच पूरी नहीं करने को लेकर फटकार लगाते हुए कहा था, "आप देश के लोगों को अंधेरे में नहीं रख सकते. यह मामला देश के लिए गंभीर है. लोग यह जानना चाहते हैं कि जांच अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई. हम इस मामले पर चिंतिंत और बेहद नाखुश हैं. हम संबंधित एजेंसियों को 2जी स्पेक्ट्रम मामले से संबंधित सभी मामलों और पहलुओं की जांच छह महीने के अंदर करने के आदेश देते हैं. इस मामले में हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए."

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