केंद्र सरकार ने सुदर्शन टीवी मामले में सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दायर किया है. सरकार ने कोर्ट में कहा कि टीवी और अखबारों से पहले डिजिटल मीडिया को कंट्रोल करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा है कि वेब आधारित डिजिटल मीडिया को रेगुलेट करना होगा, सरकार ने बताया है कि डिजिटल मीडिया जहरीली नफरत फैलाते हुए जानबूझकर न केवल हिंसा, बल्कि आतंकवाद को भी बढ़ावा दे रहा है बल्कि वेब आधारित डिजिटल मीडिया कई संस्थानों की छवि को खराब कर रहा है और यह बेहद खतरनाक है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह मुख्यधारा के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को रेगुलेट करने के लिए कोई दिशानिर्देश तय न करे और इस मुद्दे को सक्षम विधायिका (संसद) के लिए छोड़ दे.
सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर को सुदर्शन TV के शो 'UPSC जिहाद' के प्रसारण पर रोक लगा दी थी और क हा था कि चैनल उसकी चिंताओं पर जवाब दे. कोर्ट ने कहा था कि हम चैनल को पूेर मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने की छूट नहीं दे सकते.
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और केएम जोसेफ की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी और इस केस के साथ-साथ टीवी न्यूज चैनल की ओनरशिप और टीवी डिबेट की तरीके पर कई सख्त टिप्पणियां की थीं.
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