हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी समेत कई मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों को अब सरकार की तरफ से आश्वासन मिला है. इसके लिए केंद्र सरकार ने एक हाई पावर कमेटी तैयार की है. जो छात्रों से बातचीत कर इस मसले को सुलझाने की कोशिश करेगी. बता दें कि जेएनयू छात्रसंघ ने संसद तक एक मार्च बुलाया है, जिसमें कुछ अन्य यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी बुलाया गया.
कौन होगा कमेटी में शामिल?
जेएनयू छात्रों से बातचीत कर मसले का हल निकालने वाली इस कमेटी में तीन सदस्य शामिल हैं. इसमें यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर वीएस चौहान, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी के सेक्रेट्री प्रोफेसर रजनीश जैन होंगे. एचआरडी मिनिस्ट्री की तरफ से इन तीनों सदस्यों को नियुक्त किया गया है. ये कमेटी यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रसंघ के पदाधिकारियों से बातचीत कर सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी.
संसद मार्च रहेगा जारी
भले ही सरकार की तरफ से जेएनयू छात्रों की समस्याओं को सुनने के लिए कमेटी गठित कर दी गई हो, लेकिन पहल से प्रस्तावित संसद मार्च जारी है. जेएनयू छात्रसंघ के पदाधिकारी सैकड़ों छात्रों के साथ सड़क पर उतरे हैं और संसद तक मार्च की तैयारी कर रहे हैं. क्विंट से बातचीत में जेएनयू छात्रसंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि वो शाम को कमेटी वाले मामले पर प्रेस रिलीज जारी करेंगे. लेकिन संसद मार्च को स्थगित नहीं किया जा रहा.
इस संसद मार्च के लिए पहले से ही पूरे जेएनयू को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. भारी संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ तैनात है.
बता दें कि छात्रों की प्रमुख मांगों में से एक हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी है. इसके अलावा सर्विस चार्ज, ड्रेस कोड, कर्फ्यू टाइमिंग और हॉस्टल संबंधी समस्याओं को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन छात्रों के हितों के खिलाफ फैसले ले रहा है.
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