केंद्र सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों के लिए नए साल में बड़ी खुशखबरी दी है. केंद्र ने 7वें वेतन आयोग विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. देशभर के शिक्षकों और स्टेट गवर्मेंट/डिग्री स्तर के सरकारी सहायता प्राप्त टेक्निकल संस्थानों के अन्य एकेडमिक स्टाफ को इसका सीधा लाभ मिलेगा. नए साल में शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत मानी जा रही है.
केंद्र पर इतने करोड़ का बोझ
शैक्षणिक कर्मचारियों को दिए जाने वाले इस 7वें पे कमीशन के लिए केंद्र सरकार को 1241.78 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. इससे पहले कुछ राज्यों ने सातवें पे कमीशन की सिफारिशों को अपने कर्मचारियों के लिए लागू किया था. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस पर बड़ा ऐलान कर दिया है. सरकार के इस फैसले का फायदा लाखों कर्मचारियों को मिलेगा.
केंद्र सरकार के इस फैसले को आने वाले लोकसभा चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि चुनाव से ठीक पहले लाखों कर्मचारियों को 7वें पे कमीशन का फायदा देना राजनीतिक फायदे के लिए है.
महाराष्ट्र में 7वां वेतन आयोग लागू
केंद्र सरकार के इस फैसले से पहले महाराष्ट्र सरकार ने भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया था. बताया गया था कि इस वेतन आयोग को लागू करने पर सरकार को 21 हजार करोड़ रुपये चुकाने होंगे. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य सरकार के इस फैसले से देशभर के लगभग 17 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा.
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी दिया था तोहफा
इससे पहले यूपी की योगी सरकार ने भी 2019 से पहले रिटायर हो चुके कर्मचारियों को तोहफा दिया था. सरकार ने सातवें वेतन आयोग के तहत उन्हें पेंशन देने की घोषणा कर उनकी पेंशन को लगभग तीन गुना तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया था. सोमवार को सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए थे.
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