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जे डे केस: टिकटों के ब्लैक से अंडरवर्ल्ड तक की छोटा राजन की कहानी

पढ़िए- मुंबई का राजेंद्र सदाशिव निखल्जे कैसे बना छोटा राजन

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मुंबई के पत्रकार जे डे मर्डर केस में मकोका कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को उम्र कैद दी गई है. करीब बीस साल तक पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार रहने वाला छोटा राजन अभी तक फर्जी पासपोर्ट केस में इन दिनों तिहाड़ जेल में 7 साल की सजा काट रहा है.

छोटा राजन फिर सुर्खियों में हैं. एक वक्त मुंबई के पवई इलाके में बॉलीवुड फिल्मों की टिकटें ब्लैक करने वाला महज दस साल का लड़का जुर्म के दलदल में ऐसा धंसा कि फिर उसके अपराधों का सिलसिला बड़ा होता गया. राजेंद्र सदाशिव निखल्जे से कैसे छोटा राजन बन गया?

एक वक्त मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का दोस्त रहा छोटा राजन कैसे दाऊद का दुश्मन बन गया? इसकी कहानी बड़ी सनसनीखेज है.

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कौन है छोटा राजन?

छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखल्जे है. उसे प्यार से 'नाना' या 'सेठ' कहकर भी बुलाते हैं. छोटा राजन ऊर्फ नाना की कहानी बिल्कुल फिल्मी है. इस कहानी की शुरुआत होती है चेंबूर की तिलकनगर बस्ती से. 1960 में इसी बस्ती में छोटा राजन का जन्म हुआ. महज 10 साल की उम्र में ही छोटा राजन ने साहकार सिनेमा के बाहर फिल्मों की टिकट ब्लैक करना शुरू कर दिया था.

जुर्म की दुनिया में छोटा राजन की एंट्री उस वक्त हुई, जब मारधाड़ वाली फिल्मों के शौकीन इस कम उम्र लड़के ने एक दिन एक पुलिस वाले की लाठी छीनकर उसे ही पीट दिया. इस जुर्म के लिए वह गिरफ्तार भी हुआ. लेकिन डॉन राजन नायर ऊर्फ अन्ना राजन ने उसकी जमानत करा दी. जमानत के बाद छोटा राजन अन्ना नायर की गैंग में शामिल हो गया. 

जुर्म की दुनिया में अन्ना नायर को 'बड़ा राजन' के नाम से जाना जाता था. राजेंद्र, नायर का दाहिना था, इसीलिए गैंग के लोग उसे 'छोटा राजन' कहने लगे.

दाऊद इब्राहिम से दोस्ती, फिर दुश्मनी का किस्सा

बड़ा राजन की मौत से बाद गैंग की कमान छोटा राजन ने संभाल ली. इसी दौरान वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आया. दोनों एक साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, तस्करी और फिल्म फाइनेंस का काम करने लगे.

साल 1987-1988 के दौरान राजन दुबई चला गया. इसके बाद दाऊद और राजन ने मिलकर काले कारोबार को और फैलाया. मुंबई में उनके नाम से काम होते थे. लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने करीब एक दशक तक साथ रही इस जोड़ी को अलग कर दिया.

डी कंपनी में छोटा राजन का कद दाउद के बाद दूसरे नंबर पर था. लेकिन 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट ने राजन को झकझोर दिया. जब छोटा राजन को पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका दुश्मन बन गया. उसने खुद को दाऊद से अलग कर अपना नया गैंग बना लिया. इसके बाद दाऊद और राजन दोनों एक दूसरे की जान के दुश्मन बन गए.

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छोटा राजन के खिलाफ दर्ज हैं कई केस

छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया के बाली से प्रत्यर्पित कर लाया गया था. इसके बाद केंद्र सरकार के निर्देश में छोटा राजन के खिलाफ दर्ज सभी केस सीबीआई को सौंप दिए गए थे. फिलहाल, वह तिहाड़ जेल में फर्जी पासपोर्ट के एक मामले में सात साल की सजा काट रहा है.

  • छोटा राजन के खिलाफ मुंबई पुलिस में करीब 78 मामले दर्ज हैं
  • इन मामलों को सीबीआई को सौंपा जा चुका है
  • छोटा राजन के खिलाफ ज्यादातर मामले अवैध वसूली के हैं
  • इसके अलावा उस पर हत्या, कब्जा करने और लोगों को धमकी देने के मामले भी दर्ज हैं
  • साल 2011 में हुई पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में भी छोटा राजन दोषी था

छोटा राजन को 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली से गिरफ्तार किया गया था. यह ऑपरेशन सीबीआई, इंटेलीजेंस यूनिट, मुंबई क्राइम ब्रांच, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया पुलिस के साथ इंटरपोल के ऑर्डिनेशन से सफल हो सका था.

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