पी चिदंबरम ने कहा है कि नोटबंदी की देश ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है. उनके मुताबिक इसमें 13,000 करोड़ रुपए की कमाई के चक्कर में 2.25 लाख करोड़ रुपए बर्बाद हो गए.
रिजर्व बैंक की नोटबंदी से 99.3 परसेंट नोट वापस आने की रिपोर्ट पर पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कटाक्ष किया कि
आरबीआई के आंकड़ों कहते हैं नोटबंदी से 13000 करोड़ रुपए की रकम बैंकों में वापस नहीं आई. लेकिन इसके लिए देश ने जीडीपी का 2.25 लाख करोड़ रुपये गंवाए और साथ ही करोड़ों नौकरियां भी गईं. सौ से ज्यादा लोग मारे गए.
‘ रिजर्व बैंक की रिपोर्ट ने पोल खोली’
चिदंबरम ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा कि
13,000 करोड़ रुपया छोड़कर 15.44 लाख करोड़ की रकम में से हर रुपया आरबीआई के पास वापस लौट चुका है. याद कीजिए कि किसने कहा था कि तीन लाख करोड़ रुपये वापस नहीं आएंगे और यह सरकार के लिए फायदेमंद होगा.
चिदंबरम ने वापस नहीं आने वाले 13 हजार करोड़ रुपए पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हो सकता है कि वो कालाधन हो ही ना. मुमकिन है कि ये रकम नेपाल और भूटान की पड़ी रकम हो या फिर हो सकता है ये रुपए नष्ट हो गए हों.
पूर्व वित्तमंत्री के मुताबिक
असल में सरकार और आरबीआई ने वास्तव में सिर्फ 13,000 करोड़ रुपए की नोटबंदी की और बदले में देश को इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. सौ से ज्यादा लोग मारे गए. 15 करोड़ दिहाड़ी मजदूर कई हफ्तों तक कमाई नहीं कर पाए. कई छोटे और मझौले उद्योग बंद हो गए और लाखों नौकरियां चलीं गईं.
उन्होंने कहा इसके अलावा "भारतीय इकनॉमी ने विकास के स्तर पर जीडीपी का 1.5 परसेंट गंवाया, जो अकेले एक साल में 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान है.
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