नेपाल सरकार की एक रिपोर्ट का कहना है कि चीन रोड बनाने के जरिए नेपाल की जमीन पर अतिक्रमण कर रहा है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया कि चीन भविष्य में इन इलाकों में बॉर्डर आउटपोस्ट भी बना सकता है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया कि नेपाल के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के एक डॉक्युमेंट के मुताबिक, चीन ने नेपाल में कम से कम 10 जगहों पर अतिक्रमण किया है. डॉक्युमेंट में कहा गया कि अगर नदियां इसी तरह अपना रास्ता बदलती रहीं तो बेजिंग और इलाका भी हड़प सकता है और नेपाल को 'सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन' का नुकसान हो सकता है.
सरकारी डॉक्युमेंट में कहा गया, “इसकी बहुत ज्यादा संभावना है कि कुछ समय बाद चीन इन इलाकों में आर्म्ड पुलिस की बॉर्डर ऑब्जर्वेशन पोस्ट बना ले.”
1960 में सर्वे और पिलर खड़ा करने के बाद नेपाल ने चीन के साथ अपने बॉर्डर पर कुछ और सुरक्षा इंतजाम नहीं किए हैं. चीन के साथ बॉर्डर पर उत्तरी तरफ नेपाल ने सिर्फ 100 पिलर खड़े किए हैं.
नेपाल को हो चुका 36 हेक्टेयर का नुकसान
नेपाल सरकार के आकलन से पता चला है कि 11 नदियों के रास्ता बदलने की वजह से उसे 36 हेक्टेयर का नुकसान अभी तक हो चुका है. पिछले साल जब नेपाल के क्षेत्र का चीन में चले जाने की खबर मीडिया में आई थी तो नेपाल की सड़कों पर प्रदर्शन हुए थे.
वहीं, बिहार के पानी संसाधन मंत्री संजय झा ने 23 जून को कहा कि नेपाल बाढ़ रोकने के उपायों में व्यवधान डाल रहा है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, झा ने कहा, "नेपाल बॉर्डर पर लालबकेया नदी पर गंडक डाम पर रिपेयर के काम को होने नहीं दे रहा है. नेपाल कई और जगहों पर बाढ़ रोकने के उपायों में रोड़ा अटका रहा है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. ये पहली बार है जब राज्य सरकार को भारत-नेपाल बॉर्डर पर रिपेयर के काम के लिए लोगों और कच्चे माल के यातायात में इतनी दिक्कत आ रही है."
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