अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक हलचलें तेज हो चुकी हैं. एनडीए के साथ जुड़े दलों ने अब अपने सिर उठाने शुरू कर दिए हैं. उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब एलजेपी के सांसद चिराग पासवान ने भी विरोधी सुर छेड़ दिए हैं. उन्होंने बीजेपी को चेताया है कि वो अब गठबंधन में बचे हुए दलों के साथ सम्मान से पेश आए और समय रहते उनकी समस्याओं को दूर कर दे.
सीटों को लेकर घमासान
सीटों के बंटवारे को लेकर पहले ही उपेंद्र कुशवाहा एनडीए का दामन छोड़ने का फैसला ले चुके हैं. वहीं अब गठबंधन की सीटों को लेकर एलजेपी ने भी सवाल खड़े करने शुरू किए हैं. चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा, "गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार बीजेपी के नेताओं से मुलाक़ात हुई, लेकिन अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है. इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है". उन्होंने सीधे-सीधे बीजेपी को चेतावनी दी है कि अगर जल्द सीटों पर पिक्चर साफ नहीं होती है तो एनडीए को चुनाव में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि चिराग पासवान इससे पहले भी बीजेपी को सीटों के बंटवारे को लेकर चेतावनी दे चुके हैं.
पहले कुशवाहा ने भी इसी तरह बीजेपी को धमकी देते हुए कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. अब चिराग पासवान ने भी उन्हीं की राह पर चलते हुए बीजेपी को चेतावनी दे डाली है.
नाजुक मोड़ से गुजर रहा गठबंधन
चिराग पासवान ने एक दूसरे ट्वीट में बीजेपी को गठबंधन को संभालने की तरफ इशारा किया. उन्होंने लिखा, "टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है, ऐसे समय में पार्टी गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करे".
एजेंडा सेट करने की दी थी नसीहत
इससे पहले चिराग पासवान ने बीजेपी को एनडीए का एजेंडा सेट करने की नसीहत दी थी. उन्होंने एक चैनल को बताया था कि अब बीजेपी को एनडीए का एजेंडा सेट करने की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि एनडीए का मोटो हमेशा डेवलपमेंट का रहा है. लेकिन जब इस पर राम मंदिर और हनुमान हावी होने लगते हैं तो इससे जनता भी भ्रमित होने लगती है.
कुशवाहा की नाराजगी
बता दें कि कुछ ही दिनों पहले आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी बीजेपी को इसी बात के लिए चेतावनी दी थी. कुशवाहा ने 2019 लोकसभा चुनावों के लिए उनकी पार्टी को ज्यादा सीटें देने की मांग की थी. उन्होंने भी कहा था कि अगर सीट शेयरिंग फार्मूले पर सहमति नहीं बनी तो 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. हालांकि उनकी इस धमकी को बीजेपी ने लगातार नजरअंदाज किया. इसके बाद हार मानकर कुशवाहा को एनडीए का दामन छोड़ना पड़ा.
अब चिराग पासवान भी उन्हीं की राह पर चलते हुए दिख रहे हैं. देखना यह होगा कि क्या बीजेपी कुशवाहा की तरह उन्हें भी नजरअंदाज करेगी या फिर उनकी बातों को सुनकर सीटों पर फैसला करेगी.
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