ADVERTISEMENTREMOVE AD

नोटबैन के बाद नवंबर में 500,2000 के कितने नोट छापे, बताना होगा:CIC

RTI के माध्यम से मांगी गई जानकारी के बाद CIC ने दिए ये निर्देश.

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कहा है कि रिजर्व बैंक की सहायक यूनिट भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण यह बताने में नाकाम रही है कि नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2,000 और 500 रुपये के नोट के बारे में बताने से कैसे देश का आर्थिक हित प्रभावित होगा. सीआईसी ने कंपनी से इस बारे में जानकारी देने को कहा है.

आरबीआई की पूर्ण सहायक भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण का दावा है कि करेंसी की छपाई और इससे जुड़ी बातें लोगों के साथ साझा नहीं की जा सकतीं, क्योंकि इससे नकली करेंसी का प्रसार होगा और अन्‍य समस्याएं पैदा होंगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी. उसके बाद 2000 रुपये और 500 रुपये के नये नोट जारी किये गए. केंद्रीय सूचना आयोग हरीन्द्र धींगड़ा की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

उन्होंने RTI के तहत 9 नवंबर से 30 नवंबर 2016 के बीच छापे गए 2,000 रुपये और 500 रुपए के नोटों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी. जानकारी पाने में विफल रहने के बाद उन्होंने आयोग में अर्जी दी.

आरबीआई की यूनिट ने जवाब में कहा कि नोट छपाई काफी गोपनीय मामला है. इसमें कच्चे माल, छपाई, भंडारण, परिवहन आदि जैसे अहम ब्योरे जुड़े हैं. इसे लोगों के साथ साझा नहीं किया जा सकता है. 

राष्ट्रीय सुरक्षा को बताया खतरा

आरबीआई की ओर से जारी जवाब में यह भी दावा किया गया है कि आंकड़ों की घोषणा से देश की संप्रभुता और एकता, सुरक्षा, आर्थिक हित प्रभावित होगा. इसलिए ऐसी सूचना आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (ए) के तहत न देने की छूट है.

भार्गव ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि रोजाना छपने वाले नोट का आंकड़ा इतना संवेदनशील नहीं है, जिसे आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (ए) के तहत छूट मिले. उन्होंने कहा कि यह नहीं माना जा सकता कि यह सूचना देने से छपाई से संबंधित कच्चे माल, भंडारण आदि की जानकारी का खुलासा होगा.

(इनपुट भाषा से)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×