जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और दूसरे शिक्षण संस्थानों में पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई कांग्रेसी नेता इंडिया गेट पर धरने पर बैठीं. प्रियंका गांधी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में घुसकर सरकार छात्रों की पिटाई करा रही है. प्रियंका गांधी ने ये भी कहा कि देश गुंडो की जागीर नहीं है और कांग्रेस छात्रों के साथ है. प्रियंका ने जामिया में हुई घटना को भारत की आत्मा पर हमला करार देते हुए पूछा, "पूरे मामले में प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं?
“देश के विश्वविद्यालयों में घुस घुसकर विद्यार्थियों को पीटा जा रहा है. जिस समय सरकार को आगे बढ़कर लोगों की बात सुननी चाहिए, उस समय बीजेपी सरकार उत्तर पूर्व, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में विद्यार्थियों और पत्रकारों पर दमन के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है. यह सरकर कायर है.”प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव
सरकार ने संविधान को झटका दिया है: प्रियंका गांधी
दो घंटे तक चले इस धरना प्रदर्शन के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार देश की आत्मा पर हमला कर रही है और सरकार ने संविधान को झटका दिया है.
प्रदर्शन करना छात्रों का अधिकार है. मैं एक मां भी हूं. आप उनकी लाइब्रेरी में घुस गए. उनकों घसीटकर बाहर निकाला और उनके साथ क्रूरता की.प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव
प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता इस ‘क्रूरता’ के खिलाफ लड़ेगा और छात्रों के साथ खड़ा होगा. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि कल यूनिवर्सिटी में क्या हुआ, किसकी सरकार ने छात्रों को मारा. पीएम को इकनॉमी पर बोलना चाहिए. उनकी पार्टी के विधायक ने लड़की का बलात्कार किया. उन्होंने इस पर अभी तक क्यों नहीं बोला?
धरने में प्रियंका गांधी के अलावा जगदीश टाइटलर, केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी, पीएल पुनिया, अहमद पटेल, अंबिका सोनी जैसे कांग्रेस नेता मौजूद रहे.
प्रियंका गांधी ने अपने एक और ट्वीट में कहा कि बीजेपी लोगों की आवाज से डरती है.
‘’बीजेपी जनता की आवाज से डरती है. इस देश के नौजवानों, उनके साहस और उनकी हिम्मत को अपनी खोखली तानाशाही से दबाना चाहती है. यह भारतीय युवा हैं, सुन लीजिए मोदी जी, ये दबेंगे नहीं, इनकी आवाज आपको आज नहीं तो कल सुननी ही पड़ेगी.”
दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब नागरिकता कानून को लेकर विरोध और तेज हो चुका है. देशभर में कई जगहों से जामिया के छात्रों को समर्थन मिल रहा है. कई पार्टियों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी छात्रों के समर्थन में उतर गए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)