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छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में रूस समेत 9 देश शामिल होंगे

रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का किया जाएगा भव्य आयोजन जिसमें 1500 से अधिक कलाकार भाग लेंगे

Published
भारत
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छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नई दिल्ली के किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट में आयोजित टूरिज्म कॉन्क्लेव में शामिल हुए. उन्होंने कॉन्क्लेव में लगाए गए छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति और लोक कला पर केंद्रित स्टॉलों का अवलोकन किया. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ में एक नवम्बर से आयोजित किए जा रहे 'राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया. साथ ही साथ 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों और पुलिस के वीर शहीदों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान सर्वाेच्च बलिदान दिया है. उन पर पूरे देश को गर्व है.

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नई दिल्ली में आयोजित टूरिज्म कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का जिक्र किया और कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय कलाकारों के बीच उनकी कलाओं की साझेदारी होगी, बल्कि वे एक-दूसरे के खान-पान, रीति-रिवाज, शिल्प-शैली को भी देख-समझ सकेंगे. इन प्रयासों के क्रम में हमने नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल के रूप में एक बहुत महत्वपूर्ण परंपरा की शुरुआत छत्तीसगढ़ में की है. हमारा यह प्रयास न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश और पूरी दुनिया के जन-जातीय समुदायों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

आपको बता दें राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किया जाएगा. यह कार्यक्रम एक से तीन नवम्बर तक साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित होगा. महोत्सव में नौ देशों के जनजातीय कलाकारों सहित 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 1500 से अधिक कलाकार भाग लेंगे.

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मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ का पारम्परिक वाद्य यंत्र तुरही भी बजाया

रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का किया जाएगा भव्य आयोजन जिसमें 1500 से अधिक कलाकार भाग लेंगे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तुरही बजाते हुए

(फोटो : क्विन्ट हिन्दी)

मुख्यमंत्री ने कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति का अवलोकन करने के दौरान छत्तीसगढ़ का पारम्परिक वाद्य यंत्र तुरही भी बजाया. बघेल ने कहा कि वनवासियों, आदिवासियों, किसानों, ग्रामीणों और वंचित वर्ग के लोगों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में कला, संस्कृति और पर्यटन को हमने एक मजबूत संसाधन के तौर पर इस्तेमाल किया है. और इसके बढ़िया परिणाम भी हमें मिले हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बघेल ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ की ओर से नौ देशों को राष्ट्रीय महोत्सव के लिए आमंत्रण पत्र भेजा गया है. ये सभी देश पहली बार रायपुर में अपनी प्रस्तुति देंगे. इस आयोजन में मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के जनजातीय कलाकार हिस्सा लेंगे. दिल्ली पहुंचने वाले विदेशी मेहमानों को छत्तीसगढ़ तक लाने-ले जाने और उनकी मेहमान-नवाजी में इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशन, दिल्ली (आई.सी.सी.आर) सहयोगी होगा.

इस बार राष्ट्रीय महोत्सव में दो थीम रखी गई है. पहली थीम ‘फसल कटाई पर होने वाले आदिवासी नृत्य’ और दूसरी थीम ‘आदिवासी परम्पराएं और रीति- रिवाज’ है. विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री एवं राज्यपालों को आमंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ के मंत्रीगण एवं प्रशासनिक अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से भेजा जा रहा है.

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इस बार खास होगी दिवाली, लगभग 1900 करोड़ रुपये खातों में ट्रांसफर

सरकार की तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर विक्रेता ग्रामीणों और पशुपालकों तथा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में कुल 1866 करोड़ 39 लाख 32 हजार रूपए का ऑनलाइन ट्रांसफर मुख्यमंत्री बघेल ने किया है. "नवा छत्तीसगढ़" में छत्तीसगढ़ सरकार किसान, मजदूर, भूमिहीन मजदूर, युवाओं, महिलाओं समेत सभी वर्गों के हित में महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम लोगों की जेब में पैसे भरना, उन्हें आर्थिक समृद्ध करना हमारी सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है, ताकि उनके पास पैसे आएं और अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती से बाजारों की रौनक और बढ़े. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में सरकार के परिणाममूलक कार्यों का प्रभाव ही है कि छत्तीसगढ़ के लगभग 8 हजार गांवों में बनाए गए गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह आयमूलक गतिविधियां संचालित कर रहे हैं. इनसे न केवल महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हुईं हैं बल्कि अब वह अपने कामों में नवोन्मेष से नाम भी कमा रही हैं.

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''छत्तीसगढ़ में हरियाली के साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी''

राज्य में क्लाइमेट चेंज के प्रभावों को कम करने और हरियाली के प्रसार के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री वृ़क्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरूआत की गई है. 1 जून 2021 से लागू की गई इस योजना से किसानों और अन्य भू-धारकों को जोड़ने के लिए कई व्यावहारिक कदम उठाए गए हैं. किसानों को जोड़ने और उनकी आय सुनिश्चित करने के लिए वृक्ष कटाई के नियम सरल किए गए हैं.

इस योजना से जहां वृक्षों से मिलने वाली बहुमूल्य लकड़ी और फलों से आय अर्जित करने का नया जरिया किसानों और भू-स्वामियों को मिलेगा, वहीं इससे काष्ठ के उत्पादन में वृद्धि होगी. इससे रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे. इस योजना से निजी भूमि, खाली पड़ी जमीन पर हरियाली बढेगी, आसपास का वातावरण स्वच्छ होगा, इमारती लकड़ी, गैर इमारती लकड़ी, जलाऊ लकड़ी के लिए जंगलों पर दवाब कम होगा और हमारे बहुमूल्य वनों का संरक्षण भी हो सकेगा. साथ ही भू-जल स्तर में भी वृद्धि होगी.

आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों को कम करने तथा वृक्षारोपण के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करते हुये उनके आर्थिक सामाजिक स्तर में सुधार लाने में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना मील का पत्थर साबित होगी.

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