सेंसर बोर्ड की ओर से संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' में कुछ बदलाव करने और इसका नाम बदलकर 'पद्मावत' किए जाने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार अपने पुराने रुख पर कायम है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि 'पद्मावत' को मध्य प्रदेश में रिलीज नहीं किया जाएगा.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में 'पद्मावत' फिल्म पर बैन जारी रहेगा. बता दें कि चौहान ने पिछले साल 20 नवंबर को राजपूत समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद फिल्म के रिलीज पर रोक लगाते हुए कहा था कि, "फिल्म में तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. गलत तथ्यों को हटाए जाने के बाद ही फिल्म के रिलीज पर विचार किया जाएगा." इसके साथ ही रानी पद्मावती को राष्ट्रमाता का दर्जा भी देते हुए उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली में पद्मावती को प्रमुखता से शामिल करने का अहम फैसला लिया है, जिसे अगले अकादमिक साल से मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा.
गुजरात में भी बैन
शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के सुर में सुर मिलाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी शुक्रवार को कहा कि ‘पद्मावत’ फिल्म गुजारत में रिलीज नहीं होगा.
वसुंधरा राजे भी 'पद्मावत' बैन पर कायम
सोमवार को उदयपुर में मीडिया से बाचतीत में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा था कि, "मैंने पहले भी कहा था और अब फिर कह रही हूं, राजस्थान में यह विवादित फिल्म रिलीज नहीं होने दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा था कि प्रदेश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए ये फैसला लिया गया है. इसलिए यह फिल्म प्रदेश के किसी भी सिनेमाघर में नहीं दिखाई जाएगी. राजे के मुताबिक, रानी पद्मिनी हमारे लिए सिर्फ इतिहास का एक अध्यायभर नहीं, बल्कि हमारा स्वाभिमान है.
ये भी पढ़ें-
हिमाचल में भी मंडरा रहे बैन के बादल
दूसरी ओर फिल्म को लेकर चल रहा हंगामा हिमाचल प्रदेश तक पहुंच गया है. वहां पर भी इस फिल्म की रिलीज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ कर दिया है कि फिल्म के प्रदर्शन को लेकर लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही कोई भी फैसला लिया जाएगा.अगर देश की संस्कृति के खिलाफ फिल्म में कुछ होगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
ये भी पढ़ें-
‘पद्मावती’- हल्ला जमीं पर,गूंज ‘स्वर्गीय’ Bollywood सितारों तक
करणी सेना किसी समझौते के लिए तैयार नहीं
श्री राजपूत करणी सेना ने बुधवार को साफ कहा कि वह 'पद्मावत' के निर्माताओं के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. संगठन ने संजय लीला भंसाली की फिल्म जब कभी भी रिलीज हो, उस वक्त 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया है. करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने मीडिया से कहा था, "हमें उस समय एक छोटे से स्पष्टीकरण की जरूरत थी कि फिल्म में पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई सीन नहीं है. हम इससे ही संतुष्ट हो जाएंगे, लेकिन अब हम किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे."
शुरु से विवादों में घिरी है फिल्म
फिल्म में खिलजी और रानी पद्मावती के बीच किसी तरह के इंटिमेट सीन होने की आशंका के बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पिछले साल जयपुर में फिल्म के सेट को आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद संजय लीला भंसाली के साथ भी धक्का-मुक्की की गयी, और कोल्हापुर में एक अन्य सेट पर तोड़फोड़ की गई. भंसाली और वायाकॉम 18 पिक्चर्स को फिल्म को रिलीज करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भंसाली की फिल्म 16वीं सदी के भारतीय सूफी कवि मलिक मोहम्मद जयसी के महाकाव्य 'पद्मावत' पर आधारित है.
फिलहाल सेंसर बोर्ड ने तीन सदस्यीय सलाहकार समिति से सलाह के बाद फिल्म को यूए सर्टिफिकेट के साथ 25 जनवरी को रिलीज करने पर सहमति जता दी है.
ये भी पढ़ें - ‘पद्मावत’ अब इस तारीख को होगी रिलीज, फिल्म में हैं 5 बड़े बदलाव
[ गणतंत्र दिवस से पहले आपके दिमाग में देश को लेकर कई बातें चल रही होंगी. आपके सामने है एक बढ़िया मौका. चुप मत बैठिए, मोबाइल उठाइए और भारत के नाम लिख डालिए एक लेटर. आप अपनी आवाज भी रिकॉर्ड कर सकते हैं. अपनी चिट्ठी lettertoindia@thequint.com पर भेजें. आपकी बात देश तक जरूर पहुंचेगी ]
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)