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कांग्रेस की रिपोर्ट का दावा-वाइस चांसलर JNU हिंसा के ‘मास्टरमाइंड’

रिपोर्ट में हिंसा पर JNU और दिल्ली पुलिस के बयानों में गड़बड़ी की बात भी कही गई है

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JNU हिंसा को लेकर गठित की गई कांग्रेस की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग की है. कमेटी ने रिपोर्ट में 5 जनवरी को यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा को 'राज्य-प्रायोजित' करार दिया है. साथ ही इसमें वाइस चांसलर के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू करने को कहा गया है.

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने वीसी जगदीश कुमार पर हिंसा का 'मास्टरमाइंड' होने का आरोप लगाया है. कमेटी की रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस को हिंसा के दौरान अपने 'रवैये' के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने की बात कही गई है.

रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस पर हमलावरों को JNU कैंपस में खुलेआम घूमने देने का आरोप लगाया गया है. कमेटी ने कहा, "वाइस चांसलर ने ध्यानपूर्वक अपनी बात मानने वाले और राइट विंग विचारधारा के लोगों को यूनिवर्सिटी में घुसपैठ करा चुके हैं."

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी ने कहा है कि कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था में कमियों की वजह से हमलावर हथियार लेकर घूम पाए और हिंसा को अंजाम दिया. कमेटी ने रिपोर्ट में लिखा, "ये हिंसा पहले से प्लान की गई थी और इसका मकसद फैकल्टी और छात्रों के मन में डर पैदा करना था."

रिपोर्ट में हिंसा पर JNU और दिल्ली पुलिस के बयानों में गड़बड़ी की बात भी कही गई है. JNU के अधिकारियों के मुताबिक पुलिस को शाम 4:30 बजे कॉल किया गया था, लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्हें रात 7:45 से पहले कैंपस में घुसने की इजाजत नहीं दी गई. 

सर्वर रूम मामले पर रिपोर्ट में क्या है?

कांग्रेस की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम में तोड़फोड़ मामले में अपनी रिपोर्ट में शक जताया है. रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले में 'गलत इरादे' नजर आते हैं और कमेटी वाइस चांसलर के उस बयान की तरफ इशारा करती है जिसमें उन्होंने कहा था कि सर्वर रूम 4 जनवरी को ठीक चल रहा था. उसी दिन कथित रूप से उसमें तोड़फोड़ की गई.

यूनिवर्सिटी ने इशारा किया था कि 5 जनवरी की हिंसा कुछ लोगों के छात्रों को विंटर सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से रोकने के विरोध में हुई थी. हिंसा सर्वर रूम की कथित तोड़फोड़ के कुछ घंटे बाद हुई थी.

रिपोर्ट में दावा किया गया, "ऐसा लगता है कि वाइस चांसलर ने सर्वर से कनेक्शन न होने का फायदा उठाया है. इसकी वजह से CCTV रिकॉर्डिंग नहीं हुई जिससे हमलावरों को बिना किसी सबूत के हिंसा करने का मौका मिला."

(इनपुट: पीटीआई से भी)

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