जेएनयू हिंसा पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. सोनिया ने कहा कि भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज का हर रोज मजाक बनाया जा रहा है. सत्तारूढ़ मोदी सरकार की सहमति से गुंडे भारत के युवाओं पर भयावह और अभूतपूर्व हिंसा की गई, यह बहुत ही निराशाजनक और अस्वीकार्य है.
मोदी सरकार को JNU हिंसा पर घेरते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि कल जेएनयू में छात्रों-फैकल्टी पर हुआ हमला लोगों की असहमति की आवाज को दबाने के लिए याद किया जाएगा.
5 जनवरी को JNU में हुई हिंसा
दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी की शाम भारी हिंसा और तोड़फोड़ हुई है. पुलिस इसे दो ग्रुप्स के बीच झड़प का नतीजा बता रही है. वहीं, जेएनयू छात्र संघ ने छात्रों और प्रोफेसरों पर हमले के पीछे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का हाथ होने का आरोप लगाया है. उधर एबीवीपी लेफ्ट विंग एक्टिविस्ट्स पर जेएनयू में हिंसा के आरोप लगा रहा है.
जेएनयू ने जारी किया बयान
जेएनयू ने एक बयान जारी कर कहा है, ''कैंपस में दो ऐसे ग्रुप्स के बीच झड़प हुई, जिनमें से एक ग्रुप (सेमेस्टर) रजिस्ट्रेशन रोकना चाहता था और दूसरा रजिस्ट्रेशन और अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता था.''
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यूनिवर्सिटी का कहना है कि छात्रों का एक ग्रुप जो रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का विरोध कर रहा था, आक्रामक रूप से एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक के सामने से चला और शाम 4:30 के करीब हॉस्टलों तक पहुंचा, प्रशासन ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया.
इसके आगे यूनिवर्सिटी ने कहा है, ''हालांकि, जब तक पुलिस आई, रजिस्ट्रेशन का विरोध करने वाला छात्रों का ग्रुप रजिस्ट्रेशन चाहने वाले छात्रों को पीट चुका था.'' बयान में कहा गया है कि कुछ मास्क पहने लोग पेरियार हॉस्टल के कमरों में घुस गए और उन्होंने रॉड से छात्रों पर हमला किया. जेएनयू ने कहा है कि झड़प में कुछ सिक्योरिटी गार्ड भी बुरी तरह घायल हो गए.
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