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CAA प्रदर्शन। आर्मी चीफ के बयान पर चिदंबरम- अपने काम से काम रखें

केरल में कांग्रेस की ‘मेगा रैली’

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पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आर्मी चीफ बिपिन रावत पर तीखा हमला बोला है. रावत ने 26 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में विपक्षी नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाया था. इस पर चिदंबरम ने आर्मी चीफ से ‘अपने काम से काम रखने की नसीहत दी है’.

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28 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में नागरिकता कानून के खिलाफ कांग्रेस की ‘मेगा रैली’ में चिदंबरम ने कहा, “मैं जनरल रावत से अपील करता हूं कि अपने काम से काम रखिए. आप आर्मी का नेतृत्व कीजिए.”

राज भवन के सामने रैली को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि नेताओं को क्या करना चाहिए, ये बताना आर्मी का काम नहीं है. चिदंबरम बोले कि जैसे नेता आर्मी को नहीं बताते कि युद्ध कैसे लड़ा जाता है, वैसे ही इस देश की राजनीति कैसे चलानी है वो नेता देख लेंगे.

चिदंबरम ने आरोप लगाया कि सरकार आर्मी चीफ से अपने समर्थन में बोलने के लिए कह रही है. उन्होंने कहा, “ये शर्म की बात है कि डीजीपी और आर्मी चीफ को सरकार के समर्थन में बोलने के लिए कहा जा रहा है.”

कुछ दिन पहले जनरल बिपिन रावत ने कुछ नेताओं पर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था. रावत ने कहा था, “जो लोग गलत काम करने की दिशा में लोगों का नेतृत्व करे, वो नेता नहीं होता. जैसा हम बड़ी संख्या में छात्रों को देख रहे हैं.”

केरल में कांग्रेस की ‘मेगा रैली’

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ अपना विरोध तेज करते हुए कांग्रेस ने केरल में 28 दिसंबर को राज भवन तक ‘‘महा रैली’’ निकाली. पार्टी ने इस कानून को निलंबित करने और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) रोकने की मांग की.

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘हमारी मांग है सीएए को निलंबित किया जाए और एनआरसी को पूरी तरह रोक दिया जाए. ये हमारी मांगें हैं और जबतक उन्हें मान नहीं लिया जाता, हम संघर्ष करते रहेंगे.’’

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डिटेंशन सेंटर पर चिदंबरम की सफाई

पी चिदंबरम ने देश में डिटेंशन सेंटर के निर्माण पर भी बयान दिया है. प्रेस कांफ्रेंस में चिदंबरम से पूछा गया था कि कांग्रेस इन सेंटर के निर्माण को अपने कार्यकाल में इनकी स्थापना के लिए दिए गए निर्देशों से कैसे अलग देखती है? इसके जवाब में चिदंबरम ने कहा, “डिटेंशन कैंप की स्थापना फॉरनर्स एक्ट के तहत की जा रही थी, ना कि नागरिकता कानून और NRC के संदर्भ में.”

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