नेता विपक्ष और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के सामने अपनी दिक्कत बताना एक पुलिस हवलदार को भारी पड़ गया. उद्धव ठाकरे सरकार ने वाशिम जिले के संबंधित हवलदार का तबादला कर दिया है.
17 मई को नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस नागपुर से मुंबई सड़क मार्ग से लौट रहे थे, इस दौरान वाशिम जिले के कन्हीराजा पुलिस स्टेशन के हवलदार संजय धुले ने फडणवीस से मुलाकात कर कहा पुलिस वालों के पास कोरोना से लड़ने के लिए कोई सुविधा न होने की बात बताई. धुले ने कहा कि पुलिस वालों के कोरोना के संक्रमण में काम करने के बावजूद PPE किट्स, मास्क, सेनेटाइजर जैसी चीजें मुहैया नहीं कराई जा रही हैं.
हवलदार संजय धुले और फडणवीस के बीच हुई मुलाकात का वीडियो किसी ने शूट कर सोशल मीडिया पर डाल दिया था. 28 मई को गृहमंत्री अनिल देशमुख वाशिम जिले के दौरे पर पहुंचे थे, उस दिन ही एसपी वाशिम ने हवलदार का तबादला 140 किलोमीटर दूर कर दिया.
सवाल है की अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले पुलिस वाले ने अगर अपनी समस्या सामने रखी तो क्या गुनाह कर दिया?
बता दें महाराष्ट्र में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है,अब तक 65 हजार से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, इसमें पुलिस विभाग के करीब दो हजार जवान भी शामिल हैं, पुलिस विभाग को इस संकट के दौर में अपनी ड्यूटी हर हाल में करनी पड़ रही है. ऐसे में अपनी बात रखने वाले जवान के तबादले का क्या तुक बनता है?
नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने हवलदार के तबादले की बात सामने आने के बाद सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर इसे तुरंत रद्द करने की मांग की है, हवलदार संजय धुले के तबादले को लेकर सोशल मीडिया पर भी महाराष्ट्र सरकार की काफी किरकिरी हुई है.
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