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बिहार:जूनियर डॉक्टर बोले-पहले कोरोना सेफ्टी किट दो,फिर करेंगे काम

मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने कहा- काम करने का मन नहीं,डॉक्टर बना रहे बहाना

Published
भारत
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कोरोना वायरस को देखते हुए बिहार सरकार डॉक्टरों के लिए सेफ्टी के जरूरी सामान मुहैया कराने का दावा कर रही है, लेकिन सरकारी दावे पर बिहार के डॉक्टर सवाल खड़े कर रहे हैं. भागलपुर के डॉक्टर सरकारी नाकामी से इतना परेशान हो चुके हैं कि उन्होंने अखिरकार अस्पताल में जाकर इलाज ना करने के लिए अर्जी तक लगा दी है. डॉक्टरों ने अपनी कुछ मांग रखी है और कहा है कि हमारी सुरक्षा से जुड़ी ये मांगें मान ली जाती हैं तो हमें ड्यूटी पर जाने की खबर दे दी जाए, नहीं तो हम लोग जान जोखिम में डालकर काम नहीं करेंगे.

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भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएलएनएमसीएच) के करीब 45 जूनियर डॉक्टरों ने अपने मेडिकल सुप्रीटेंडेंट और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में सरकार के उस आदेश के बारे में बताया गया है जिसमें कोरोना के लिए बने आइसोलेशन वॉर्ड में सीनियर डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगाए जाने की बात कही गई है जिन्हें जरूरी अनुभव है.

मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने कहा- काम करने का मन नहीं,डॉक्टर बना रहे बहाना
जूनियर डॉक्टर ने लिखी चिट्ठी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

साथ ही डॉक्टरों ने लेटर में कोरोना के महामारी से बचने के लिए पर्सनल प्रोटेकशन इक्विपमेंट, N 95 मास्क साथ ही सर्जिकल मास्क, हैंड सैनेटाइजर, गल्वस की भी मांग की है.

डॉक्टर बोले, लेटर तो लिख दिया फिर भी कर लोगों की जिंदगी के लिए कर रहे हैं ड्यूटी

क्विंट से बात करते हुए एक जूनियर डॉक्टर ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उन लोगों ने मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को लेटर जरूर लिखा है लेकिन उनमें से बहुत से डॉक्टर ड्यूटी पर जा रहे हैं.

हम कोई दुश्मन नहीं हैं, हमें भी मरीजों से हमदर्दी है. इसलिए काम पर ना जाने के लिए लेटर लिखने के बाद भी हम लोगों में से बहुत से लोग वॉर्ड में जा रहे हैं. हमने सिर्फ सुरक्षा के लिए मांग की है. यहां सरकार कह रही है कि सारे सामान हैं, फिर भी हमें सेफ्टी के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है.बार-बार कहा जाता है जल्द सारे सामान आ जाएंगे. लेकिन अबतक कुछ नहीं आया.

मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने कहा- काम करने का मन नहीं,डॉक्टर बना रहे बहाना

जब क्विंट ने जेएलएनएमसीएच के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जो पीपीई और N-95 मास्क है वो हमने दिया है, लेकिन इन डॉक्टरों को चीन वाला किट चाहिए, टीवी पर देखा है, तीन लेयर वाला किट, वहीं मांग रहे हैं. जबकि यहां हालात इतनी भयावह नहीं है. उन्होंने कहा,

अब जिनको काम करने का मन नहीं है वो ऐसे ही बहाना बना रहे हैं, हम डायबिटिक हैं, फिर भी वॉर्ड में जा रहे हैं. लेकिन ये डॉक्टर नहीं जाना चाहते हैं. ऐसे भी आईसोलेशन और ICU वॉर्ड में तीन लेयर वाला किट चाहिए होता है. फिलहाल तो हम इन्हें मना रहे हैं, लेकिन अगर नहीं मानेंगे तो सरकार को इनके खिलाफ शिकायत की जाएगी और कार्रवाई होगी. 

हालांकि सुप्रीटेंडेंट ने ये भी माना कि कई सारे जूनियर डॉक्टर ड्यूटी भी कर रहे हैं.

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100 इंर्टन डॉक्टरों ने लिखी थी चिट्ठी, जवाब में शिकायत की मिली धमकी

बता दें कि इससे पहले जेएलएनएमसीएच उर्फ मायागंज अस्पताल में पढ़ रहे करीब 100 छात्रों ने वहां के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट आर सी मंडल को एक चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन लोगों ने कोरोनसे बचने के लिए पर्सनल प्रोटेकशन इक्विपमेंट, N 95 मास्क साथ ही सर्जिकल मास्क, हैंड सैनेटाइजर, गल्वस की भी मांग की थी.

लेकिन इन छात्रों की तरफ से की गई शिकायत के जवाब में कहा गया है था कि OPD, इमरजेंसी वॉर्ड में काम कर रहे सभी चिकित्सकों को ICMR के गाईडलाइन के अनुसार N 95 मास्क और PPE पहनने की जरूरत नहीं है. सिर्फ सामान्य मास्क और गल्वस की जरूरत है. तत्काल आप सभी रोस्टर के मुताबिक अपनी-अपनी ड्यूटी करें, नहीं तो इसकी खबर प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग, पटना को दे दी जाएगी.

भागलपुर में 6 कोरोना पॉजिटिव मरीज

जेएलएनएमसीएच के मेडिकल सुप्रीटेंडेट ने बताया कि भागलपुर में अबतक कोरोनावायरस के 6 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं. इसके अलावा 5 और संदिग्ध मरीज आइसोलेशन वॉर्ड में हैं. वहीं बिहार में कुल 15 कौरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, वहीं एक मौत हुई है.

ये भी पढ़ें- बिहार: सीवान में झोलाछाप डॉक्टरों को कोरोना ट्रेनिंग देने के आदेश

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