इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने शनिवार को हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक के साथ मिलकर कोविड-19 के वैक्सीन को बनाने की योजना की घोषणा की. ICMR ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी से वायरस स्ट्रेन BBIL हैदराबाद भेज दिया गया है.
पूरी तरह स्वदेशी
ICMR स्टेटमेंट के मुताबिक ''वैक्सीन विकास को लेकर दोनों पार्टनर के बीच योजना की शुरूआत की गई है. ICMR-NIV, BBIL को वैक्सीन बनाने के लिए पूरी मदद करेगा. दोनों फॉस्ट ट्रैक एप्रूवल की कोशिश करेंगे, ताकि वैक्सीन बनाए जाने की प्रक्रिया, जानवरों पर इसके टेस्ट और प्रत्याशियों की क्लीनिकल जांच तेज की जा सके. यह पूरी तरह स्वदेशी होगा.''
अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की प्री-क्लीनिकल ट्रॉयल हुई हैं या नहीं. या फिर इसे कैसे वैक्सीन बनाने के क्रम में ठोस आधार माना जाए.
BBIL के चेयरमैन और मैनेजिंग डॉयरेक्टर डॉक्टर कृष्णा एल्ला ने एक स्टेटमेंट में कहा,“हम इस राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर ICMR और NIV के साथ जुड़कर बहुत खुश हैं. हम इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर चीज करेंगे.’’
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का शनिवार का स्टेटमेंट वैक्सीन बनाने की दिशा में तीसरा स्टेटमेंट है. इससे पहले तीन अप्रैल को कंपनी ने ''कोरोफ्लू'' नाम के श्वांस वैक्सीन पर काम करने की बात कही थी, जो इंसानों के लिए सुरक्षित रहा है.
इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए BBIL यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कोंसिन, मेडिसन और वैक्सीन कंपनी फ्लूजेन के वॉयरोलॉजिस्ट वाली अंतरराष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम का हिस्सा रहा है.
20 अप्रैल को बॉयोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने इनएक्टीवेटेड रेबीज़ वेक्टर प्लेटफॉर्म की मदद से वैक्सीन कैंडिडेट बनाकर वैक्सीन बनाने में कंपनी की मदद करने का ऐलान किया था.
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