14 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वायरस मरीजों के लिए आरक्षित 60 फीसदी बेड 'कम दरों' पर उपलब्ध कराए जाएंगे.
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की तीसरी सबसे बड़ी तादाद है. दिल्ली में करीब 40,000 केस हैं. ऐसी आशंका है कि जून के अंत तक ये आंकड़ा 1 लाख तक पहुंच जाएगा और जुलाई के अंत तक साढ़े 5 लाख तक.
तो दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में बेड की अधिकतम दरों और आरक्षण के बारे में सबकुछ यहां जानिए.
क्या दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वायरस मरीजों के लिए आरक्षण है?
हां. दिल्ली सरकार ने राजधानी के 50 से ज्यादा बेड वाले 117 अस्पतालों को 20 फीसदी बेड कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है.
साथ ही सरकार ने 22 प्राइवेट अस्पतालों को 20 फीसदी से ज्यादा बेड संक्रमित लोगों के लिए आरक्षित रखने के लिए कहा है. इन अस्पतालों में अपोलो, बत्रा, फोर्टिस, मैक्स, बीएल कपूर, महाराजा अग्रसेन और वेंकटेश्वरा शामिल हैं. दिल्ली सरकार ने ये फैसला 25 मई को लिया था.
मुझे कैसे पता चलेगा कि COVID बेड प्राइवेट अस्पताल में उपलब्ध है या नहीं?
शहर के किसी भी प्राइवेट अस्पताल में खाली बेड की जानकारी के लिए आप दिल्ली कोरोना मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं या www.delhifightscorona.in/beds पर जा सकते हैं.
दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में COVID-19 बेड का अधिकतम दाम कितना है?
देश के सबसे ज्यादा कोरोना वायरस मामले वाले राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात ने संक्रमित लोगों के इलाज का अधिकतम दाम तय कर दिया है. लेकिन दिल्ली ने ऐसा कुछ नहीं किया है.
दिल्ली सरकार के 25 मई के 117 अस्पतालों में बेड आरक्षित करने वाले आदेश में कहा गया है कि 'अस्पताल मरीजों को अपनी दरों के हिसाब से बिल कर सकते हैं.'
हालांकि इस आदेश को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों से COVID-19 इलाज के लिए लिए जाने वाले चार्ज को शेयर करने को कहा.
9 जून को AAP सरकार ने सभी प्राइवेट अस्पतालों से लैब टेस्ट और आइसोलेशन बेड समेत कोरोना वायरस इलाज की पूरी लिस्ट डिस्प्ले करने को कहा.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार रेट देखेगी और फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगी. इस बीच 12 जून को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों को ज्यादा चार्ज करने से रोकने के निर्देश देने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली सरकार के पास जाए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 14 जून को कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में 60 फीसदी बेड 'कम दरों' पर उपलब्ध होंगे. NITI आयोग के सदस्य वीके पॉल के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इस मामले को देखेगी और 15 जून को रिपोर्ट देगी.
तो बचे हुए 40 फीसदी COVID बेड का क्या होगा?
बचे हुए 40 फीसदी COVID बेड की कीमत अस्पताल के रेट के हिसाब से तय की जा सकती है.
‘कम दरों’ वाले बेड का फायदा किसे मिलेगा?
सरकार ने अभी ये साफ नहीं किया है कि 'कम दरों' वाले बेड का फायदा किसे मिलेगा और ये मरीजों को किस तरह आवंटित किए जाएंगे.
दिल्ली में अस्पताल में कौन एडमिट हो सकता है?
- अस्पताल में एडमिट सिर्फ मॉडरेट या गंभीर लक्षण वाले लोग ही हो सकते हैं.
- बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले मरीज घर में क्वॉरंटीन हो सकते हैं.
अगर अस्पताल के पास COVID बेड है लेकिन वो मरीज को एडमिट करने से मना करे, तो क्या होगा?
अगर ऐप में बेड खाली दिखा रहा है और अस्पताल बेड देने से मना करता है, तो आप 1031 पर डायल कर शिकायत कर सकते हैं.
मुझे हल्के लक्षण हैं, लेकिन घर में क्वॉरंटीन होने की जगह नहीं है. क्या मुझे बेड मिलेगा?
अगर किसी शख्स के पास घर में क्वॉरंटीन होने की जगह नहीं, तो अस्पताल उसे बेसिक काउंसलिंग के बाद COVID केयर सेंटर भेज सकते हैं.
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