रूस द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन 'स्पुतनिक वी' को लेकर भारत और रूस में बातचीत चल रही है. केंद्र ने 25 अगस्त को ये जानकारी दी. अभी कुछ प्रारंभिक जानकारी साझा की गई है और भारत में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है.
इसे गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने रशियन डायरेक्ट इवनेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ मिलकर तैयार किया है. इसे 11 अगस्त को रजिस्टर किया गया था. वैक्सीन पर सहयोग के लिए फिलहाल भारत और रूस के बीच बातचीत चल रही है.
हाल ही में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस वैक्सीन की घोषणा की थी. उन्होंने ये भी बताया था कि उनकी बेटी को भी इसका डोज दिया गया है.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा, "जहां तक स्पुतनिक वी वैक्सीन का संबंध है, भारत और रूस संचार में हैं, कुछ प्रारंभिक जानकारी साझा की गई हैं और कुछ विस्तृत जानकारी का इंतजार है."
हाल ही में RDIF के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि रूस विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है.
भारत में भी चल रहे तीन ह्यूमन ट्रायल
इस बीच, भारत में भी तीन वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. ये ऑक्सफॉर्ड-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की वैक्सीन Covishield, हैदराबाद की भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की वैक्सीन Covaxin और अहमदाबाद की Zydus Cadila की वैक्सीन Zycov D हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हाल ही में कहा था कि देश में साल के अंत तक कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन आ जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले चार से पांच महीनों में कोविड-19 की वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना है.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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