दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. संक्रमण के आम लक्षणों में अचानक बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. लेकिन इटली और चीन के कई मरीजों में सूंघने और स्वाद की क्षमता खोना भी देखा गया है. अब हार्वर्ड की रिसर्च में इन लक्षणों के पीछे की वजह पता चली है.
अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च में पता चला है कि कोरोना वायरस नाक में कुछ महत्वपूर्ण कोशिकाओं को निशाना बनाता है. वायरस के इस एक्शन को ही रिसर्चर इन लक्षणों के पीछे की वजह मान रहे हैं.
रिसर्च के दौरान इंसान और चूहों के जीनोम की स्टडी की गई. इसमें पता चला कि नाक के पिछले हिस्से में कुछ कोशिकाओं में अलग तरह के आकार के प्रोटीन पाए जाते हैं. कोरोना वायरस शरीर में घुसने के लिए इन प्रोटीन को निशाना बनाता है. इन कोशिकाओं के वायरस से संक्रमित होने पर सूंघने की क्षमता पर असर होता है.
इसके अलावा कई रिसर्चर का मानना है कि वायरस नाक की एपिथिलियम लाइनिंग की कोशिकाओं को भी प्रभावित करता है. ये कोशिकाएं नाक की सूंघने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होती हैं.
दुनियाभर के डॉक्टर अब ‘सूंघने और स्वाद की क्षमता खोने’ को कोरोना वायरस के अहम लक्षणों में गिन रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वायरस की स्क्रीनिंग के दौरान इन लक्षणों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
दुनियाभर में करीब 8 लाख मामले
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. कुल पॉजिटिव केस 8 लाख का आंकड़ा छूने वाले हैं. संक्रमण से होने वाली मौतें भी करीब 40,000 पहुंच गई हैं. अमेरिका में कुल मामलों की संख्या डेढ़ लाख से ऊपर जा चुकी है. इटली में ये आंकड़ा 1 लाख के पार चला गया है, वहीं स्पेन में संक्रमित लोगो की तादाद लगभग 95,000 है.
(इनपुट: ब्लूमबर्ग)
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