भारत में कोरोना वायरस संक्रमितो का आंकड़ा 21 हजार के पार हो चुका है. महाराष्ट्र देश में संक्रमित लोगों के मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. जहां संक्रमित लोगों की संख्या 5500 के पार पहुंच चुकी है. महाराष्ट्र के स्वास्थ मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि राज्य में 83% पॉजिटिव मरीज बिना लक्षण (Asymptomatic) के हैं. मतलब कि इन मरीजों में कोरोना वायरस का टेस्ट पॉजिटिव आएगा लेकिन इनमें लक्षण नहीं होंगे.
क्या ऐसे मरीज केवल महाराष्ट्र में है? दूसरे राज्यों में भी ऐसे मरीज बड़ी संख्या में हैं. दुनियाभर में मेडिकल एक्सपर्ट्स Asymptomatic मरीजों की संख्या पर चिंता जता रहे हैं. सवाल ये है कि इसकी वजह से परेशानी कितनी बढ़ने वाली है और Asymptomatic होने का मतलब क्या है?
Asymptomatic पॉजिटिव होने का क्या मतलब है?
डॉक्टरों के मुताबिक, बिना लक्षण के पॉजिटिव अगर कोई व्यक्ति होता है, तो इसका मतलब साफ है कि व्यक्ति के शरीर में वायरस का संक्रमण जरूर हुआ है. लेकिन व्यक्ति की मजबूत इम्युनिटी पावर उस वायरस से लड़ रही है, जिसकी वजह से व्यक्ति में लक्षण नहीं दिखाई देते है.
Pre-Asymptomatic क्या होता है?
Pre-Asymptomatic होने का मतलब है कि टेस्ट पॉजिटिव आना, लेकिन उस समय कोई लक्षण नहीं होना. हालांकि ऐसी स्थिति में थोड़े दिन के बाद लक्षण दिखाई देते हैं. सवाल ये है कि कितने फीसदी लोग Asymptomatic से Pre-Asymptomatic होते हैं? इसे लेकर चीन और डायमंड प्रिंसेस के क्रूज पर अध्ययन किया गया है. क्रूज एक कंटेनमेंट लैब की तरह है. यहां हुई जांच में पाया गया कि 50% लोग पॉजिटिव हैं, लेकिन Asymptomatic हैं. हालांकि कुछ दिनों के बाद इनमें से 75% लोगो में लक्षण दिखाई दिए, जबकि केवल 25% लोग ही Asymptomatic रहे.
सिर्फ 25% लोगों में लक्षण नहीं दिखे, इसका क्या मतलब है?
डॉक्टरों का कहना है कि बॉडी में कोरोना वायरस का अटैक जरूर हुआ है, लेकिन इससे लड़ने के लिए व्यक्ति की इम्युनिटी पावर एक्टिव हो चुकी है. इसकी वजह से शरीर वायरस के संक्रमण को रोकने का काम कर रही है. Asymptomatic होने का एक मतलब ये भी है कि आपकी बॉडी में मौजूद इम्युनिटी पावर अच्छी तरह काम कर रही है. अधिकतर एक्स्पर्ट ये भी मानते हैं कि नौजवान लोग बड़ी संख्या में Asymptomatic पाए जा रहे हैं.
डॉक्टरों का ये भी कहना है कि इम्युनिटी के दम पर हर्ड इम्युनिटी भी 60-70% नौजवान लोगों में तैयार होती है. जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. Asymptomatic मरीज के जरिए वायरस के फैलने का खतरा लक्षण वाले मरीजों के मुकाबले कम होता है.
डॉक्टरों का कहना है कि Asymptomatic केस में संक्रमण 100% नहीं फैलेगा, ऐसा कहा नहीं जा सकता है. इसलिए समय-समय पर हाथ धोना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और भीड़भाड़ वाली जगह पर मास्क अनिवार्य रूप से पहनने जैसे कदम जरूर उठाएं.
दुनियाभर में Asymptomatic मामलों पर चिंता बरकरार
हालांकि इस मामले में अभी भी बहुत ज्यादा रिसर्च की जरूरत है लेकिन फिर भी कई देशों की रिपोर्ट इस तरफ इशारा कर रही हैं कि ऐसे मामलों की भरमार है. अप्रैल की शुरुआत में आइसलैंड की एक रिपोर्ट में कहा गया कि करीब देश के 50% कोरोना वायरस मामले Asymptomatic हो सकते हैं.
कुछ दिन पहले ICMR ने कहा था कि भारत में करीब 80% मामले Asymptomatic हो सकते हैं. CDC के डायरेक्टर डॉ रॉबर्ट रेडफील्ड कह चुके हैं कि कोरोना वायरस के 25% मरीजों का बिना लक्षण के होने का अनुमान है.
ऐसा ही अनुमान डोनाल्ड ट्रंप की कोरोना वायरस पर टास्क फोर्स में मौजूद डॉ एंथोनी फॉसी लगा चुके हैं. Asymptomatic मामलों में डॉ फॉसी का आकलन 50% तक जाता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)