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कोरोनावायरस के लक्षण क्या हैं? भारत को इससे कितना खतरा? 

भारत में कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए मौजूदा तंत्र कितना कारगर है?

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चीन में इस वक्त कोरोनावायरस का कहर जारी है. इस वायरस के खतरे के दायरे में 18 देश आ चुके हैं.

इस बीच कोरोनावायरस को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. मसलन, भारत को इससे कितना खतरा है, यह कैसे फैलता है, इससे किस तरह से बचा जा सकता है?

राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. एसी धारीवाल ने न्यूज एजेंसी भाषा को हाल ही में ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब दिए.

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चीन में कोरोनावायरस के संक्रमण से भारत किस हद तक खतरे की जद में है?

चीन के भारत का पड़ोसी देश होने के अलावा, चीन से नेपाल और पाकिस्तान जाने वालों की काफी ज्यादा संख्या को देखते हुए इन पड़ोसी देशों में इस वायरस के संक्रमण के खतरे से भी भारत अछूता नहीं है.

बता दें कि भारत में नोवेल कोरोनावायरस के पहले मामले की पुष्टि 30 जनवरी को केरल में हुई है. चीन के वुहान शहर में पढ़ने वाली एक छात्रा की जांच के नतीजे पॉजिटिव पाए गए हैं. इस बीच चीन ने भारत को आश्वस्त किया है कि इस महामारी की रोकथाम और नियंत्रण में वह सहयोग करेगा.

शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में सांप के जरिए यह वायरस मानव शरीर में आया. क्या भारत में भी पूर्वोत्तर राज्यों सहित बाकी जनजातीय क्षेत्रों में इस वायरस के खतरे की आशंका नहीं है?

चीन में सांप का मांस खाना इस वायरस के संक्रमण की संभावित वजह बनने की रिपोर्ट आई हैं. अब तक की अध्ययन रिपोर्टों के मुताबिक, सरीसृप वर्ग के जीवों से इंसानों में इस वायरस के फैलने का खतरा होता है.

जहां तक पूर्वोत्तर राज्यों और बाकी जनजातीय क्षेत्रों में कोरोनावायरस के खतरे का सवाल है तो दूरदराज के जनजातीय इलाकों में इस तरह के संक्रमणों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इंटीग्रेटिड सर्विलांस प्रोग्राम चलाया जा रहा है.

भारत में कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए मौजूदा तंत्र कितना कारगर है?

पिछले कुछ सालों में इबोला, निपाह, जीका और सार्स वायरस तमाम देशों में फैले और भारत ने पुख्ता सर्विलांस सिस्टम की मदद से इनके संक्रमण को सफलतापूर्वक रोका. निपाह को केरल से और जिका को मध्य भारत से आगे नहीं बढ़ने दिया गया.

भारत में कई देशों से फैलने वाले वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हवाई अड्डों सहित दूसरे प्रवेश मार्गों पर मजबूत निगरानी तंत्र को हमेशा ‘अलर्ट’ पर रखा जाता है.

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इस वायरस के खतरे से निपटने के क्या कारगर उपाय हैं?

इस वायरस का असर फ्लू की तरह के लक्षणों के रूप में दिखता है. इससे जुकाम, नाक बहना, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होती है. ऐसे में मधुमेह या निमोनिया सहित बाकी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि पहले से बीमार लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. चीन के अलावा कोरोनावायरस जापान, कोरिया और थाईलैंड में पनप चुका है, इसलिए इन देशों की यात्रा करने या यहां के यात्रियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.

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