देश में जब कोरोना की दूसरी लहर रफ्तार पकड़ रही थी तो कई राज्यों में चुनावी रैलियां जारी थीं. इन रैलियों में हजारों लोग कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए देखे गए. खूब आलोचना भी हुई, लेकिन अब केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर राज्यों के जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनमें उन तमाम राज्यों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले देखे गए हैं, जहां हाल ही में चुनाव हुए. केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और असम में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं.
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में कोरोना के केस घटे हैं. राज्यों में कोरोना के रोजाना आने वाले केसों की संख्या को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी ये डेटा 11 मई तक के अपडेट पर आधारित है.
चुनावी राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला
केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक रैलियों में कोविड नियमों का उल्लंघन किया गया. स्थानीय प्रशासन से लेकर चुनाव आयोग के अधिकारी नियमों का पालन कराने में नाकाम रहे. इसी का असर है कि अब इन राज्यों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब, असम, जम्मू-कश्मीर, गोवा, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी मणिपुर, मेघायल, त्रिपुरा नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में रोजाना आने वाले कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
खुद सरकार ने भी यह माना है कि जिन राज्यों में चुनाव हुए हैं वहां अब कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. इन राज्यों में कोविड नियमों के उल्लंघन को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी.
महाराष्ट्र, दिल्ली और यूपी में कोरोना के केस हुए कम
महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश समेत वे अन्य राज्य जो कि कोरोना की दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं उन राज्यों में कोविड-19 के प्रतिदिन आने वाले नए मामलों में गिरावट आई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना, चंडीगढ़, लद्दाख, दमन और द्वीप, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार में कोरोना के रोजाना वाले डेटा में केस लगातार घट रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल देश के 13 राज्यों में एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं, जबकि 6 राज्यों में इनकी संख्या 50,000 से 1 लाख है और 17 राज्यों में एक्टिव केस 50 हजार से कम हैं.
लॉकडाउन और पाबंदियों से कोरोना केस घटे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार लॉकडाउन अन्य पाबंदियों की वजह से कोरोना केस में कमी आ रही है. हालांकि सतर्कता बरते हुए आगे भी सावधानी जारी रखनी होगी.
वहीं ICMR के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण को लेकर पॉजिटिविटी रेट करीब 21 फीसदी है. उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को देश में कुल 19,45,299 कोरोना टेस्ट किए गए थे, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा हैं.
राज्यों को दी 18 करोड़ वैक्सीन डोज- केंद्र
केंद्र सरकार के अनुसार, अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन के 18 करोड़ डोज उपलब्ध बांटे जा चुके हैं. इनमें से 90 लाख डोज अभी भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के पास उपलब्ध है. वहीं अगले 3 दिनों में 7 लाख डोज और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दिए जाएंगे.
केंद्र सरकार ने बताया कि, 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग वाले करीब 25.5 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. वहीं कोरोना का नेशनल रिकवरी रेट 82.75 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत है.
बता दें कि 11 मई को देश में कोरोना के 3,29,942 नए केस सामने आए हैं और 3,876 लोगों की कोविड संक्रमण से मौत हो गई है. वहीं कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कई राज्यों ने लॉकडाउन जैसे कड़ी पाबंदियों की अवधि को अगले कुछ दिनों तक के लिए बढ़ा दिया है.
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