कोरोना वायरस संकट के बीच देश में कई स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इससे लॉकडाउन के दौरान फीस में कुछ राहत मिलने का इंतजार कर पैरेंट्स की परेशानी और बढ़ गई है.
पैरेंट्स ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ऑनलाइन अनुरोध भेजने शुरू कर दिए हैं जिनमें वो फीस नहीं बढ़ाए जाने संबंधी निर्देश स्कूलों को दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
गुजरात सरकार ने सोमवार को ऐलान किया था कि निजी स्कूल एक साल तक फीस नहीं बढ़ाएंगे जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूलों से फीस नहीं बढ़ाए जाने की अपील की थी. हालांकि दिल्ली-एनसीआर में फीस बढ़ोतरी पर कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए गए हैं.
पैरेंट्स की परेशानी बढ़ी
नोएडा के एक स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के अभिभावक पी जोशी ने कहा, ‘‘सामान्य स्थिति कब बहाल होगी, इस बारे में हमें कुछ नहीं पता. हम अपने-अपने काम पर कब तक वापसी कर पाएंगे यह भी एक सवाल है जिसका अभी कोई जवाब नहीं है और इस बीच हमे फीस बढ़ने के बारे में स्कूल से सूचना मिलती है. मैं चकित था कि मैं इसे कैसे वहन कर पाऊंगा? मैं स्कूल फीस बढ़ने को लेकर चिंतित हूं जिस संबंध में स्कूल का कहना है कि इससे शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए खर्चों को पूरा किया जाएगा."
गुरुग्राम में एक अभिभावक जागृति शुक्ला ने कहा-
‘‘हम स्कूलों की चिंता को समझते हैं कि उन्हें सैलरी का भुगतान करना है और वे फीस में छूट नहीं दे सकते लेकिन कम से कम इस मुश्किल समय में फीस बढ़ोतरी को टाला जा सकता है. सरकार इस संबंध में कोई आदेश पारित क्यों नहीं कर रही है?”
राजेश कुमार ने भी इस तरह की चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सैलरी और अन्य भत्तों में कटौती होने से वह पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रहे है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें मूल वेतन ही मिल रहा है, लेकिन प्रदर्शन से जुड़े अन्य लाभ लॉकडाउन तक स्थगित कर दिए गए हैं. लेकिन स्कूल फीस बढ़ोतरी सामान्य रूप से जारी है.’’
राज्य सरकारों का स्कूलों से आग्रह
कोरोना वायरस से निपटने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के मद्देनजर मार्च के मध्य में स्कूलों को बंद कर दिया गया था. देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि आज खत्म हो रही थी लेकिन अब इसे तीन मई तक बढ़ा दिया गया है. हालांकि कई स्कूल पहले ही पढ़ाई ऑनलाइन शुरू कर चुके हैं.
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों ने घोषणा की है कि स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों को फीस देने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए. हालांकि अभिभावकों के बीच इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि इस दौरान कोई फीस नहीं लिया जाएगा या उन्हें बाद में भुगतान करना होगा.
दिल्ली सरकार फीस शुल्क में किसी तरह की संभावित राहत के बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किया है और दिल्ली में निजी स्कूल ऐसा मान रहे है कि सरकार की शुल्क समीक्षा प्रबंध समिति से फीस बढ़ोतरी पर मंजूरी मिल जाएगी.
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