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स्कूलों को दिल्ली सरकार का निर्देश, बिना इजाजत न फीस लें न बढ़ाएं

मनीष सिसोदिया ने कहा,अगर कोई माता-पिता फीस नहीं दे पा रहे हैं तो उनके बच्चों को भी ऑनलाइन एजुकेशन देनी होगी.

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कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. दिल्ली में सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. हालांकि, कुछ स्कूल ऑनलाइन एजुकेशन का साधन अपना रहे हैं और ऑनलाइन क्लास दे रहे हैं. लेकिन शिकायत की गई है कि स्कूल मनमाने तरीके से फीस ले रहे हैं. दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार (17 अप्रैल) को कहा कि, बिना इजाजत कोई भी स्कूल फीस न बढ़ा सकते हैं और न ही तीन महीने की फीस एक साथ ले सकते हैं.

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि, किसी भी निजी स्कूल को चाहे वो सरकारी जमीन पर बना हो या गैर सरकारी जमीन पर उन्हें फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार से बिना पूछे कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता है. उन्होंने आगे कहा,

ऐसी शिकायत आई हैं कि कुछ स्कूल मनमानी फीस वसूल रहें है और स्कूल बंद होने पर भी ट्रांसपोर्टेशन चार्ज ले रहे हैं. लेकिन स्कूल को केवल ट्यूशन फीस ही लेने का अधिकार है.

ऑनलाइन एजुकेशन सभी बच्चों को देनी होगी

सिसोदिया ने कहा कि, कोई भी स्कूल तीन महीने की फीस नहीं मांगेगा, केवल एक महीन की ट्यूशन फीस मांग सकते हैं. ऑनलाइन एजुकेशन जो दी जा रही है वो सभी बच्चों को देनी होगी. अगर कोई माता-पिता फीस नहीं दे पा रहे हैं तो उनके बच्चों को भी ऑनलाइन एजुकेशन देनी होगी. उन्होंने कहा,

अगर कोई भी स्कूल मनमाने रूप से फीस की मांग करता है और आदेशों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

‘स्कूल सभी स्टॉफ को दें समय पर सैलरी’

दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री ने सभी निजी स्कूलों को ये भी आदेश दिया है कि, अपने सभी स्टाफ चाहें वो टीचिंग हो या नॉन टीचिंग सभी को समय पर सैलरी उपलब्ध करवाएं. ये स्कूलों की जिम्मेदारी होगी. अगर उनकी आय में किसी तरह की कमी है तो वह अपने पैरंट संस्था से पैसा लेकर उसको पूरा करें.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की वजह से एजुकेशन सेक्टर ज्यादा प्रभावित हुआ है. इसलिए दिल्‍ली सरकार ने इसकी वैकल्पिक व्‍यवस्‍था करते हुए ऑनलाइन क्‍लास की सुविधा उपलब्‍ध कराई है, ताकि छात्रों को ज्‍यादा नुकसान न उठाना पड़े.

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