देश में कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए संकट के बीच केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष' यानी PM-CARES नाम से एक सार्वजनिक चैरिटेबल फंड बनाया है. इस फंड को लेकर एक सवाल उठ रहा है कि ये 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष' यानी PMNRF से किस तरह अलग है.
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस ने PM-CARES को लेकर सवाल उठाए थे. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था, ''अपारदर्शी नियमों और खर्चे वाले एक पब्लिक चैरिटेबल फंड को बनाने के बजाए, लुभावने एक्रॉनिम्स के लिए पीएम की रुचि को ध्यान में रखते हुए, PMNRF का नाम ही बदलकर PM-CARES क्यों न कर दिया जाए.''
PMNRF से किस तरह अलग है PM-CARES?
PM-CARES को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार द इकनॉमिक टाइम्स को बताया, ''PM-CARES में ट्रस्टीज की जिम्मेदारियां परिभाषित की गई हैं, जबकि PMNRF में ऐसा नहीं है. PMNRF में एडवायजरी बोर्ड का कोई प्रावधान नहीं है. PMNRF में पीएम, डिप्टी पीएम, वित्त मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष, टाटा ट्रस्ट्स का एक प्रतिनिधि और FICCI द्वारा चयनित एक इंडस्ट्री प्रतिनिधि को ट्रस्ट के सदस्य के तौर पर जगह दी गई है.''
एक बीजेपी पदाधिकारी ने कहा, ''PM-CARES को किसी भी तरह राजनीतिक बनाने का विचार नहीं है. PM-CARES में बीजेपी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है- लोग सरकार में अपनी स्थिति के आधार पर इस ट्रस्ट में होंगे.'' इसके अलावा उन्होंने कहा कि कांग्रेस PM-CARES का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि PMNRF की तरह कांग्रेस अध्यक्ष को इस फंड में जगह नहीं मिली है.
PM-CARES के रजिस्टर्ड दस्तावेज के मुताबिक, इस ट्रस्ट के चेयरपर्सन के तौर पर प्रधानमंत्री के पास रिसर्च, हेल्थ, साइंस, सोशल वर्क, लॉ, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन या मानव-सौहार्द से जुड़े 3 विशिष्ट लोगों को बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में नामित करने का अधिकार होगा. बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री को भी शामिल किया गया है.
इसके अलावा PM-CARES के लिए 10 लोगों तक के एक एडवायजरी बोर्ड के गठन का भी प्रावधान है, जिनका चयन हेल्थकेयर प्रफेशनल्स, अकैडमीशियन्स, अर्थशास्त्रियों और वकीलों में से ट्रस्टी करेंगे.
PM-CARES के मकसदों में पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी या किसी दूसरी तरह की इमर्जेंसी, आपदा या संकट (भले ही वो मानव निर्मित हो या प्राकृतिक) से संबंधित किसी भी प्रकार की राहत या सहायता शामिल है. इसके तहत स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं, जरूरी बुनियादी ढांचे के लिए मदद दी जा सकती है, संबंधित रिसर्च की फंडिंग या किसी और तरह की मदद भी की जा सकती है.
वहीं, PMNRF की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इस फंड के रिसोर्सेज प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को तत्कालिक राहत पहुंचाने में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अलावा जरूरतमंद लोगों की हार्ट सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर ट्रीटमेंट जैसे मेडिकल ट्रीटमेंट्स के खर्चे को उठाने में भी आंशिक तौर पर मदद दी जाती है.
PM-CARES और PMNRF, दोनों ही डॉनेशन पर इनकम टैक्स से 100 फीसदी छूट देते हैं और व्यक्ति या ऑर्गनाइजेशन दोनों से डॉनेशन लेते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)