बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) ने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की ऐसी नई तकनीक खोजने का दावा किया है जिससे 5-6 घंटे में सटीक रिजल्ट मिल सकते हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है.
यूनिवर्सिटी में विज्ञान प्रभाग के ‘डिपॉर्टमेंट ऑफ मॉलिकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स’ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता राय ने अपनी प्रयोगशाला में शोध छात्राओं की मदद से यह तकनीक विकसित की है.
डॉ. राय का दावा है कि कोरोना वायरस के लिए जांच की यह तकनीक बिल्कुल नई और COVID-19 के प्रोटीन की परख पर आधारित है जिसमें गलत रिपोर्ट आने की आशंका बिलकुल नहीं है.
उन्होंने बताया कि रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटी पीसीआर) तकनीक पर आधारित जांच की यह प्रक्रिया बेहद कारगर होगी. इसके अलावा उन्होंने बताया ‘‘यह तकनीक एक ऐसे अनोखे प्रोटीन क्रम (सीक्वेंस) को टारगेट करती है जो सिर्फ COVID-19 में मौजूद है. यह प्रोटीन क्रम किसी और वायरस के स्ट्रेन में नहीं पाया जाता है.’’
इस जांच के किफायती और आसान होने का दावा करते हुए प्रो. राय ने बताया कि उन्होंने नवीनता के आधार पर इसके पेटेंट के लिए आवेदन भी दे दिया है.
उन्होंने बताया ‘‘भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से किए गए पूर्व निरीक्षण में पाया गया कि देश में इस सिद्धांत पर आधारित अब तक कोई किट नहीं है. उम्मीद है कि देश में COVID-19 के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह तकनीक जांच की गति बढ़ाने में कारगर होगी. इससे सटीक जांच होगी और रिपोर्ट भी जल्दी हासिल की जा सकेगी. ’’
प्रो. राय ने इस दिशा में मार्गदर्शन और समर्थन के लिए सेट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च ऑफ इंडिया (आईसीएमआर) से भी संपर्क किया है.
(इनपुट्स: ANI, PTI)
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