भारत में कोरोना वायरस का कहर फिलहाल थमता नहीं दिख रहा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में COVID-19 के 4643 एक्टिव केस हैं, जबकि अब तक 5194 कन्फर्म केस सामने आए हैं.
भारत में कोरोना वायरस से अब तक 149 लोगों की जान जा चुकी है. 401 लोग ठीक/डिस्चार्ज हो चुके हैं. कुल कन्फर्म केस में एक माइग्रेटेड मरीज भी शामिल है. बता दें कि इससे पहले मंत्रालय ने 7 अप्रैल की शाम आंकड़े जारी किए थे, जिसके मुताबिक तब तक देश में कोरोना वायरस के चलते 124 लोगों की मौत हुई थी.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन के मुताबिक अगर लॉकडाउन या दूरी बरतने के नियमों का पालन नहीं हो तो कोरोना वायरस का एक मरीज 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने COVID-19 पर केंद्र सरकार की तरफ से दैनिक ब्रीफिंग में बताया कि एहतियाती उपाए किए जाने पर संक्रमण की आशंका इसी अवधि में प्रति मरीज महज ढाई व्यक्ति रह जाएगी. उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी COVID-19 के प्रबंधन में “सामाजिक दवा” की तरह काम करती है.
इस बीच, रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए मंगलवार को जीडीपी के सिर्फ 2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया और कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 31 मार्च को खत्म हुई चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी की कमी आई है.
उद्योग संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने एक सर्वे में कहा कि कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए जारी ‘लॉकडाउन’ से खुदरा व्यापारी 80,000 नौकरियां घटा सकते हैं. आरएआई ने कोरोना वायरस महामारी का व्यापारियों और कार्यबल पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन के लिए यह सर्वे किया. यह सर्वे 768 खुदरा कारोबारियों के बीच किया गया जिनमें 3,92,963 लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने कहा कि COVID-19 के कारण बंद और बाकी वजहों से भारत में असंगठित क्षेत्र के करीब 40 करोड़ कामगारों की गरीबी और बढ़ सकती है.
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