देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. इसके लिए सभी अपने-अपने स्तर पर एक दूसरे की मदद में लगे हुए हैं. कोई तकनीकी रूप से मदद में जुटा है तो कोई कोरोना वायरस का इलाज कर रहे डॉक्टरों की मदद कर रहा है. इतना ही नहीं कुछ लोग उन गरीबों की सहायता में जुटे हैं जिनकी रोजी-रोटी लॉकडाउन की वजह से छीन गई है. ऐसे भी शख्स है जो मां के अंतिम संस्कार में शामिल न होकर जरूरतमंदों को खाना पहुंचाने में लगे हैं.
कोरोना वायरस संकट में लोगों की मदद के लिए एक ट्रैवल एजेंट के मालिक शकील उर रहमान मां के अंतिम संस्कार में शामिल न होकर जरूरतमंदों को खाना पहुंचाने में जुटे रहे. शकील उर रहमान ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उसकी मां का निधन हो गया. वो दिल्ली में है और उसकी मां की मौत बिहार में हुई, लेकिन वह बिहार नहीं गए. उनका कहना है-
मेरी जरूरत दिल्ली में है, मुझे यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किसी की भी मां भूख से नहीं मरे. अगर वह मुसीबत में फंसे जरूरतमंद लोगों की मद्द कर सके, तो यही उनकी मां को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
रहमान पूरी दिल्ली में जरूरतमंदों, बेघरों और प्रवासी कामगारों को खाने के पैकेट बांट रहे हैं. रहमान ने बताया कि, परिवार के एक सदस्य ने शुक्रवार सुबह सात बजे फोन कर के बताया कि उनकी मां का इंतकाल हो गया. इसके कुछ घंटे बाद वह बेघर लोगों को खाना पहुंचाने निकल गए.
डॉक्टरों की मदद के लिए होटल में रहने-खाने की व्यवस्था
महाराष्ट्र के नागपुर में होटल सेंटर प्वाइंट कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की मदद के लिए सामने आया है. होटल के मालिक जसबीर सिंह अरोड़ा ने बताया कि, वह अपने होटल के 125 कमरों को डॉक्टरों के लिए मुहैया कराया है. जो कोरोना वायरस मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी डॉक्टरों के लिए यहां रहने और खाने की व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं कई डॉक्टरों को अस्पतालों से पिक एंड ड्रॉप सेवाएं भी प्रदान की जा रही है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए IIT के पूर्व छात्रों ने बनाया ड्रोन
कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगातार नए-नए प्रयोग किये जा रहे हैं. कई संस्थान बेहतर से बेहतर टेस्ट किट बनाने में लगे हैं जिससे की कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान हो सके. इस बीच IIT के तीन पूर्व छात्रों ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जिससे लोगों की थर्मल जांच की जा सकती है. ड्रोन को इन्फ्रारेड कैमरे से लैस किया गया है.
दावा किया जा रहा है कि जब लॉकडाउन में ढील मिलेगी तो भीड़ से संक्रमण का खतरा बढ़ेगा और लोगों का तापमान मापने वाले कर्मियों के लिए खतरा होगा. ऐसे में ये ड्रोन शुरुआती चरणों में ही कोरोना वायरस के संदिग्धों की पहचान कर सकता है.
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