28 अप्रैल को शाम 4 बजे से 18 साल से ऊपर के मरीजों के लिए वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ. इसके कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया में लोगों ने अपनी समस्याएं शेयर करनी शुरू कर दी. कुछ यूजर्स ने आरोप लगाते हुए लिखा कि ओटीपी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. तो वहीं कुछ यूजर्स ने लिखा कि उनको ये मैसेज मिल रहा है कि अभी सिर्फ 45+ लोगों का ही रजिस्ट्रेशन हो रहा है. इन तमाम समस्याओं को लेकर सोशल मीडिया पर कई हैशटैग ट्रेंड होते रहे. जिसमें यूजर्स ने स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं.
केंद्र सरकार के Aarogya Setu एप की ओर से ट्वीट में कहा गया है, Co-win पोर्टल काम कर रहा है. शाम को थोड़ी खराबी आ गई थी, जिसे ठीक कर दिया गया है. 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग इस पर रजिस्टर कर सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन जरूरी, पहले ही दिन आंकड़ा पहुंचा 1.33 करोड़ के पास
सरकार की ओर से कहा गया है कि 18 साल से 45 साल के उम्र के लोगों को बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. इस आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा और अपाइंटमेंट बुक करना होगा. इसलिए जैसे ही रजिस्ट्रेशन पोर्टल शुरू हुआ वैसे ही लोग रजिस्ट्रेशन कराने में जुट गए. लोगों उत्साह ऐसा रहा कि पहले ही दिन लगभग 1.33 करोड़ रजिस्ट्रेशन देखने को मिले.
वैक्सीनेशन पर काम कर रही नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ आरएस शर्मा ने अपने ट्वीट में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा साझा किया.
बंपर रजिस्ट्रेशन से आने वाले दिनों में सरकारों को हो सकती है समस्या
जिस तरह पहले ही दिन 1.33 करोड़ के आस-पास लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. उसको देखते हुए आगे भी इसमें बड़ी आबादी जुड़ने की उम्मीद है. लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण केंद्र और राज्य सरकारों को आने वाले दिनों में भारी समस्या हो सकती है. पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, असम, ओडिशा, तमिलनाडु और झारखंड जैसे कुछ राज्यों ने तो अभी से ही हाथ खड़े कर दिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में एम्स के एक डॉक्टर ने कहा है कि समय से टीकाकरण करना भी एक बड़ी चुनौती होगा. लोगों को टीका लगवाने के बाद अपने काम पर भी लौटना होगा. ऐसे में इतना बड़ा अभियान आसान नहीं है. देश में लगभग 59 करोड़ की आबादी 18 से 44 साल के बीच की है. जब 60 साल से ऊपर वालों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था, तो एक दिन में 25 लाख के करीब रजिस्ट्रेशन होते थे. इसके बाद दूसरे चरण में लोग बिना रजिस्ट्रेशन के भी टीका लगवाने आते थे.
स्टॉक का हाहाकार, बिना वैक्सीन लौट रहें हैं लोग
राज्य सरकारें पहले से ही कह रही हैं कि उनके पास वैक्सीन का पर्याप्त का स्टॉक नहीं है. स्थिति यह है कि टीके की कमी के चलते 45+ लोगों को ही बिना वैक्सीनेशन के टीकाकरण केंद्र से वापस भेजा जा रहा है.
- इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार वैक्सीन की सप्लाई करने में विफल रही है. इसलिए तीसरे चरण के वैक्सीनेशन में देरी होना संभव है.
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