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कौन हैं डी. गुकेश जिन्होंने 34 साल बाद तोड़ा विश्वनाथन आनंद का रिकॉर्ड?

D Gukesh: डी. गुकेश ने इस जीत के साथ विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है.

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चेन्नई के 17 वर्षीय डी. गुकेश ने सबसे कम उम्र में FIDE चेस कैंडिडेट टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया है. गुकेश ने आखिरी राउंड में अमेरिकी खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा के साथ आसान ड्रॉ खेला. इस टूर्नामेंट में वह कुल 14 में से 9 अंक हासिल करने में सफल रहे. यह टूर्नामेंट विश्व चैंपियन को चुनौती देने वाले खिलाड़ी को चुनने के लिए आयोजित किया जाता है. गुकेश पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद के बाद कैंडिडेट्स जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. आनंद की जीत 2014 में हुई थी.

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विश्वनाथन आनंद ने दी गुकेश को बधाई

डी. गुकेश के इस जीत के बाद खेल जगत के नामी लोगों के बधाईयों का ताता लगा हुआ है. जिसमें से एक नाम विश्वनाथन आनंद का भी है.आनंद ने अपने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा , "सबसे कम उम्र के चैलेंजर बनने के लिए डी गुकेश को बधाई. आपने जो किया है उस पर @WacaChess परिवार को बहुत गर्व है.आपने जिस तरह से कठिन परिस्थितियों को संभालते हुए जीत हासिल की मुझे उसपर बेहद नाज है."

अब आगे क्या?

गुकेश ने इस जीत के साथ विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है. अगले मुकाबले में उनका सामना मौजूदा चैंपियन चीन के डिंग लिरेन से होगा. वह रेटिंग के हिसाब से भारत के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी हैं और इस टूर्नामेंट के बाद वह मौजूदा विश्व चैंपियन से एक अंक ऊपर हैं, जो विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर है. 14 राउंड में गुकेश की रेटिंग 2847 रही.

डी. गुकेश कौन हैं?

गुकेश का जन्म तेलगू परिवार में हुआ. उलके पिता डॉक्टर हैं. विश्वनाथन आनंद के शहर चेन्नई से आने वाले गुकेश अपने स्कूली दिनों से ही शतरंज खेलना शुरू किया था. गुकेश के पहले कोच स्कूल में भास्कर थे, जिन्होंने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें ट्रेनिंग दी. ट्रेनिंग के सिर्फ 6 महीने बाद गुकेश FIDE-रेटेड खिलाड़ी बन गए थे. इसके बाद वह विश्वनाथ आनंद की अकादमी वेस्ट ब्रिज आनंद चेस एकेडमी में शामिल हो गए.

इंटरनेशनल स्तर पर गुकेश को कई सफलता मिली. साल 2015 में वह एशियन स्कूल शतरंज चैंपियनशिप में अंडर-9 वर्ग में जीत हासिल की. इसके बाद, उन्होंने कैंडिडेट मास्टर (सीएम) का खिताब अपने नाम किया. साल 2018 में वो एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में 5 पदक जीतने वाले खिलाडी बन गए.

इसी साल उन्होंने 10/11 अंकों के साथ विश्व युवा चैंपियनशिप में अंडर-12 खिताब जीता. यह रिकॉर्ड उन्होंने केवल 11 साल, 9 महीने और 9 दिन की उम्र में हासिल किया, जिसके बाद वो इंटरनेशनल मास्टर बन गए. इस जीत के साथ ही वो इतिहास में सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए थे.

2019 में मिली बड़ी जीत

जनवरी 2019 में गुकेश ने पहली बड़ी जीत दर्ज की, जब उन्होंने 12 साल, 7 महीने और 17 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतकर इतिहास बना दिया.

वे जीएम सर्गेई कारजाकिन के रिकॉर्ड को तोड़ने से केवल 17 दिनों से चूक गए थे.

साल 2019 में गुकेश ने ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतकर इतिहास बना दिया था. साल 2023 में गुकेश ने आईएम एमिन ओहानियन, जीएम प्रणव वी और जीएम रौनक साधवानी को हराकर जूनियर स्पीड शतरंज चैम्पियनशिप अपने नाम किया. वहीं शतरंज विश्व कप के दूसरे दौर में गुकेश ने अजरबेजान के इस्कांद्रोव को 44 चाल में शिकस्त दी.

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