रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दौरे पर लेह में हैं. सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की एक इंच जमीन भी कोई छू नहीं सकता. उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भी नजर आए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह के स्टाकना में पिका मशीन गन का निरीक्षण किया.
दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत का जिक्र करते हुए राजनाथ सिह ने कहा-
जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए. कहां तक हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता. लेकिन इतना यकीन मैं जरूर दिलाना चाहता हूं, कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्जा नहीं कर सकता.भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है. हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की जमीन पर हमने कब्जा किया है. भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है.राजनाथ सिंह
बता दें कि चीन सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री की ये पहली लद्दाख यात्रा है, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह जा चुके हैं
भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे की मौजूदगी में स्टाकना (लेह) में पैरा ड्रापिंग अभ्यास किया.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर लंबी तनातनी के बाद अब लगातार डिएस्कलेशन की कोशिशें जारी हैं. भारत और चीन दोनों देशों की सेना और कूटनीति के स्तरों पर बातचीत हो रही है. 14 जुलाई को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सेना के कमांडर्स के बीच भारतीय क्षेत्र स्थित चुसुल में चौथे दौर की बातचीत हुई.
15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव काफी ज्यादा बढ़ चुका था. सेनाएं बॉर्डर पर तैनात थीं, एयरफोर्स के फाइटर जेट भी लद्दाख के आसमान में गरजते हुए दिख रहे थे. लेकिन इसी बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री ने फोन पर बात की. तमाम बातचीतों के बाद इन दोनों की ये बातचीत कामयाब साबित हुई और दोनों देश डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार हो गए.
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