दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है. प्राइवेट स्कूल सातवें वेतन आयोग का हवाला देकर गलत तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में बुधवार को एक मीटिंग हुई, जिसमें सातवें वेतन आयोग के नाम पर स्कूल की फीस में मनमाने ढंग से बढ़ोतरी की शिकायत पर चर्चा हुई.
अब सभी विधायक गुरुवार को अपने क्षेत्रों की शिकायतों पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस मीटिंग में केजरीवाल और सिसोदिया के भी भाग लेने की उम्मीद है.
पहले भी फीस बढ़ोतरी पर हुआ था बवाल
इसी साल अप्रैल में पब्लिक स्कूलों की ओर से मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस को लेकर एनसीआर में पेरेंट्स ने महीने भर तक विरोध-प्रदर्शन किया था. गुड़गांव में 1000 पेरेंट्स ने विरोध में मार्च भी निकाला था. दिल्ली पब्लिक स्कूलों की फीस में करीब 200 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी थी.
दिल्ली में फिलहाल 400 से अधिक स्कूल डीडीए की जमीन पर चल रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले स्कूलों में फीस बढ़ाए जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने 19 जनवरी, 2016 को दिए फैसले में कहा था, “सरकार से मिली जमीन पर बने स्कूल अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकते. ऐसे स्कूल दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 की धारा 17(3) से बंधे हुए हैं. अगर वो फीस बढ़ाते हैं, तो दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय उनके इस फैसले को रद्द कर सकता है.”
प्राइवेट स्कूलों ने इस फैसले के बारे में कहा था कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट एंड रूल्स 1973 (डीएसईएआर) के अनुसार स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने का हक है.
ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, वकीलों की फीस तय करे सरकार
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)