दुनिया भर में प्रदूषण (Air Pollution) का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है. पिछले कई सालों से इसपर चर्चा हो रही है और कुछ जरूरी कदम उठाने के बावजूद प्रदूषण को रोक पाना मुश्किल हो रहा है. बुधवार को हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट (HEI) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत की राजधानी दिल्ली और कोलकाता दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक हैं. PM2.5 वाले शहरों में दिल्ली पहले और कोलकाता दूसरे स्थान पर है. वहीं, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहर शामिल हैं.
क्या कहता है WHO का मानक?
अमेरिकी हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट द्वारा बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट में दुनिया भर के 7,000 से अधिक शहरों के लिए वायु प्रदूषण और वैश्विक स्वास्थ्य प्रभावों का एक व्यापक और विस्तृत विश्लेषण सामने रखा गया है. इस रिपोर्ट में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) व नाइट्रोजन डाइआक्साइड (एनओ2) पर विशेष ध्यान दिया गया है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानक से कई गुना अधिक है. डब्लूएचओ के अनुसार प्रति क्यूबिक मीटर में पांच माइक्रोग्राम PM2.5 प्रदूषक होना चाहिए. लेकिन, दुनिया के कई शहरों में इसका स्तर कई गुना बढ़ चुका है.
PM2.5 के कारण हुई मौतें
इस रिपोर्ट के मुताबिक PM 2.5 के कारण हुई मौतों के मामले में चीन की राजधानी बीजिंग पहले स्थान पर है. बीजिंग में PM 2.5 के कारण प्रति एक लाख आबादी 124 मौतें हुई.
वहीं, भारत की राजधानी दिल्ली छठे स्थान पर है. राजधानी दिल्ली में 2019 में प्रति एक लाख आबादी पर 106 मौतें हुई. जबकि, कोलकाता में प्रति एक लाख आबादी पर 99 मौतों के साथ 8वें स्थान पर है.
इन शहरों में प्रदूषण में सबसे अधिक वृद्धि हुई
इस रिपोर्ट के मुताबिक 2010 से 2019 के बीच 50 शहरों में PM 2.5 के स्तर में सबसे अधिक वृद्धि हुई है, जिसमें भारत के 41 शहर हैं. वहीं, टॉप 20 में भारत के 18 शहर शामिल हैं. जबकि इसके स्तर में सबसे ज्यादा गिरावट वाले टॉप 20 शहर चीन के हैं.
PM2.5 है खतरनाक
PM2.5 हमारे वातावरण में मौजूद सबसे छोटे कण होते हैं, जो कि हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है. हवा में PM2.5 के मौजूदगी से अस्थमा, दिल और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा होता है.
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