INX मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को पूछताछ के लिए 24 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है. गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम से पूछताछ के लिए कोर्ट से 14 दिन की हिरासत मांगी थी.
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार, उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है.
कोर्ट ने मंजूर की वेस्टर्न टॉयलेट और अलग सेल की मांग
कोर्ट ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को जेल में रहने के दौरान वेस्टर्न टॉयलेट, घर का खाना, दवाईयां दिए जाने की मांग को मंजूर कर लिया है. साथ ही कोर्ट ने चिदंबरम को अलग सेल में रखे जाने की मांग को भी मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहने के दौरान चिदंबरम को अलग सेल में रखा जाए.
ED ने कोर्ट में क्या कहा?
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा कि वह चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है, जिससे वह इस मामले में अब तक बरामद हुए सबूत दिखाकर सवाल कर सके. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि चिदंबरम से उनके बेटे कार्ति चिदंबरम द्वारा कथित रूप से संचालित फर्जी कंपनियों द्वारा प्राप्त रिश्वत के संबंध में सवाल किए जाएंगे.
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया कि उसने लगभग दो दर्जन विदेशी बैंक खाते चिह्नित किए हैं, जिनमें पूर्व मंत्री के सहयोग से अवैध रूप से प्राप्त धन को रखा गया था.
चिदंबरम पर क्या है आरोप?
CBI का आरोप है कि साल 2007 में बतौर वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने INX मीडिया को विदेशी निवेश के लिए गैरकानूनी तरीके से मंजूरी दी थी. इसके बाद पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी INX मीडिया में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया. जबकि अनुमति सिर्फ 5 करोड़ रुपये की थी.
इसके बाद ही विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से INX मीडिया को मंजूरी दिलाने के आरोप में चिदंबरम जांच के दायरे में आए. सीबीआई के मुताबिक एफआईपीबी की मंजूरी के लिए इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी ने तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम से मुलाकात की थी.
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