आईएनएक्स मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत को 28 मार्च तक बढ़ा दिया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि इस मामले पर 26 मार्च को सुनवाई की जायेगी. ED की गिरफ्तारी की शक्ति पर हाईकोर्ट के विरोधाभासी नजरिए को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के सामने लंबित मामला अपने पास ट्रांसफर किया है.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्ति को गिरफ्तारी से बचने के लिए दो दिन की मोहलत दे दी थी.
28 फरवरी को हुई हुई थी कार्ति की गिरफ्तारी
कार्ति, चेन्नई हवाईअड्डे से 28 फरवरी को गिरफ्तार होने के बाद से12 दिन तक सीबीआई की हिरासत में थे. सीबीआई ने कार्ति के लिए 15 दिन की न्यायिक हिरासत मांगी थी, इसके बदले कार्ति ने अदालत से अपनी याचिका पर तय तारीख 15 मार्च के बदले आज (सोमवार) ही सुनवाई करने की मांग की. कार्ति चिदंबरम के पिता पी चिदंबरम भी अदालत में मौजूद थे.
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कार्ति ने मांगी थी जमानत
कार्ति चिदंबरम ने यह आरोप लगाते हुए अदालत से जमानत मांगी थी कि सीबीआई केंद्र के इशारे पर उनके पिता की छवि धूमिल करने पर काम कर रही है जिनके कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी दी गई.
कार्ति ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी ‘‘अवैध और मनमानी'' है, लेकिन एजेंसी ने उनकी जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूरे षड्यंत्र को उजागर करने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी है.
कार्ति पर रिश्वत लेने का आरोप
कार्ति पर आरोप है कि उनके पिता पी. चिदंबरम के केंद्र में वित्तमंत्री रहते हुए उन्होंने निजी कंपनियों से कथित तौर पर विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाने के बदले रिश्वत ली थी. सीबीआई ने अदालत को बताया था कि उसे कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनसे साबित हो सकता है कि कार्ति चिदंबरम ने विदेशी निवेश मंजूरी दिलाने के बदले रिश्वत ली थी.
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