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रैपिड टेस्ट किट बढ़े दामों पर खरीदी गई?सरकार की सफाई,विपक्ष का सवाल

सरकार का कहना है कि इन किट को ऐसे समय में खरीदा गया है जब ग्लोबल डिमांड बहुत ज्यादा है

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चीन से आईं कोरोना वायरस की रैपिड टेस्ट किट पर विवाद का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है. इन किट के इम्पोर्टर और डिस्ट्रीब्यूटर के बीच के कानूनी विवाद में टेस्टिंग किट की खरीद में बड़ी मुनाफाखोरी सामने आई है. साथ ही ICMR को काफी बढ़े हुए दामों पर इन टेस्ट किट के बेचे जाने का भी पता लगा है.

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ICMR ने 27 मार्च को चीन की कंपनी Wondfo से 5 लाख टेस्ट किट आर्डर की थीं, जिसके लिए उसने मेडिकल डिस्ट्रीब्यूटर Rare Metabolics से जुड़ी Aark Pharmaceuticals को 30 करोड़ रुपये दिए. एक टेस्ट किट की कीमत करीब 600 रुपये.

हालांकि, चीन से इन किट को इम्पोर्ट करने वाली कंपनी Matrix Labs ने इन किट के लिए सिर्फ 245 रुपये चुकाए. इसी कंपनी ने Rare Metabolics को ये किट सप्लाई की थीं.  

कैसे सामने आया मामला?

Rare Metabolics/Aark Pharmaceuticals ने Matrix Labs के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में भुगतान पर विवाद को लेकर एक केस दायर किया है. जस्टिस नजमी वजीरी के मामले की सुनवाई करने के दौरान टेस्टिंग किट के बढ़े हुए दामों पर खरीदे जाने का मामला पता चला.

इन कंपनियों ने 10 लाख किट खरीदने का एग्रीमेंट किया था. इसके मुताबिक, Rare Metabolics/Aark इन किट के भारत में अकेले सप्लायर होंगे. 5 लाख टेस्ट किट ICMR के लिए थीं, जिसके लिए Rare Metabolics ने Matrix Labs को 12.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. दोनों कंपनियों के बीच विवाद बाकी बची 5 लाख किट के भुगतान पर हुआ.

क्या है बढ़े हुए दामों का विवाद?

  • Matrix Labs चीन की कंपनी Wondfo को हर किट का 225 रुपये दे रही है. ICMR की 5 लाख किट की कीमत Matrix Labs को चीन से खरीदने पर 11.25 करोड़ रुपये पड़ी.
  • फ्रेट चार्ज लगने से हर किट की कीमत में 20 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में एक किट की कुल कीमत 245 रुपये हुई.
  • Rare Metabolics इन 5 लाख टेस्ट किट के लिए Matrix Labs को 20 करोड़ प्लस 5% GST दे रहा है. जिसका मतलब है Matrix Labs को 7.75 करोड़ का मुनाफा.
  • ICMR इन किट के लिए Aark Pharmaceuticals/Rare Metabolics को 30 करोड़ प्लस GST दे रहा है. इससे कंपनी को कम से कम 9 करोड़ का मुनाफा हो रहा है.
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सरकार की सफाई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर सफाई जारी की है. सरकार का कहना है कि इन किट को ऐसे समय में खरीदा गया है जब ग्लोबल डिमांड बहुत ज्यादा है और कई देश इन्हे खरीदने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. मंत्रालय ने बताया कि ICMR ने Wondfo से सीधा किट खरीदने की भी कोशिश की थी. लेकिन 100% सीधा एडवांस, टाइमलाइन की गारंटी न होने और भुगतान का अमेरिकी डॉलर में होने के ऊपर सौदा नहीं हो पाया.

मंत्रालय का कहना है कि इसके बाद ICMR ने Wondfo के भारत में एक्सक्लूसिव डिस्ट्रीब्यूटर से किट खरीदने का फैसला किया. इस सौदे में एडवांस का क्लॉज नहीं था.

ICMR ने कुछ सप्लाई आने के बाद फील्ड कंडीशन में क्वालिटी चेक किए. प्रदर्शन खराब होने की वजह से ये ऑर्डर कैंसल कर दिया गया. ICMR ने कोई पेमेंट नहीं किया है क्योंकि एडवांस पेमेंट का क्लॉज नहीं था. सरकार ने एक भी पैसा नहीं खोया है.   
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

कांग्रेस ने उठाया सवाल

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा कि क्या ये कोरोना वायरस टेस्टिंग किट में घपला है या सरकारी खजाने को चूना लगाकर मुनाफाखोरी?

सुरजेवाला ने ट्वीट में पूछा कि क्या पीएम मोदी इसकी जिम्मेदारी तय करेंगे.

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