दिल्ली और एनसीआर में आज सुबह की शुरुआत स्मॉग से हुई. दिवाली से पहले हवा की क्वालिटी कई इलाकों में बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. आज सुबह से लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत हो रही है. सोमवार सुबह दिल्ली के मंदिर मार्ग पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 707, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 676 और नेहरू स्टेडियम का 681 रहा जो बेहद खतरनाक लेवल है.
दिल्ली में हवा बिल्कुल जहरीली हो चुकी है और डॉक्टर्स के मुताबिक इससे आम लोगों की सेहत पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ रहा है.
दिल्ली के कई इलाकों में स्मॉग की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
पिछले तीन सालों से साल के आखिर में दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो जाती है. इस समस्या को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में डरावनी तस्वीर सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में जहरीली हवा ने देश में एक लाख से ज्यादा मासूम बच्चों की जान ले ली. निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसदी बच्चे प्रदूषण से प्रभावित हुए.
WHO की रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में प्रदूषित हवा के चलते साल 2016 में 15 साल से कम उम्र के करीब छह लाख बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन
दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने गाइड लाइन जारी की है. लोगों को इस बार दिवाली पर ग्रीन क्रेकर्स जलाने की सलाह दी गई है, वहीं पटाखे जलाने के लिए शाम 8 से 10 बजे का वक्त भी तय किया गया है.
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वालों से दो दिन में ही 80 लाख का जुर्माना वसूल कर लिया गया है. सेंट्रल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्लीन एयर कैंपेन के तहत दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग स्थानों पर तैनात टीमों ने प्रदूषण फैला रहे लोगों के चालान काटे हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण से आपके स्वास्थ्य को उतना ही नुकसान पहुंचेगा जितना एक दिन में 15-20 सिगरेट पीने से होता है.
दिल्ली के स्मॉग में मस्तानी बनी ‘मास्कवाली’, बेगम बन गई ‘बलगम जान’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)